राजस्थान पत्रिका के 3 दिसम्बर के अंक में ‘एमबी अस्पताल में निजी एम्बुलेंस संचालकों की दादागिरी…मिलीभगत से चल रही, अधिकांश कंडम’। ‘कार्रवाई शून्य गेट और कार्डियोलॉजी के बाहर खड़ी निजी एम्बुलेंस’ शीर्षक से खबरें प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशन के बाद एसपी योगेश गोयल, आरटीओ नेमीचंद पारीक व एमबी चिकित्सालय अधीक्षक डॉ.आर.एल. सुमन के निर्देशन में पुलिस, परिवहन व चिकित्सा विभाग की टीमों का गठन कर छापा मारा।
घेराबंदी कर पकड़ा, एम्बुलेंस को
एमबी अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजीव टांक, परिवहन विभाग निरीक्षक सैयद शकील अली, यातायात निरीक्षक सुनील चारण, सीआई भरतसिंह मय टीम ने अस्पताल परिसर में अलग-अलग जगह खड़ी समस्त एम्बुलेंस की पहले फोटो व वीडियोग्राफी करवाई। कार्रवाई की भनक लगने से 15-20 चालक गाडिय़ों लेकर निकल गए। टीमों को पता चला तो उन्होंने बाद में अस्पताल परिसर के समस्त गेट को बंद करवाए। उसके बाद टीमों ने 34 एम्बुलेंस के चालान काटे। मौके से चालक गाड़ी छोडकऱ भाग निकले, ऐसे में परिवहन विभाग ने चालान की कॉपी उनकी गाडिय़ों पर चस्पा की।
यूपी व एमपी के नम्बर की भी मिली गाडिय़ां
जांच के दौरान टीम को अस्पताल परिसर यूपी व एमपी नम्बर की एम्बुलेंस भी मिली। यूपी नम्बर वाली में पेशेंट मिले, जबकि एमपी वाली कोई नहीं था। टीम ने इस एम्बुलेंस का भी चालान काटा। कार्रवाई के दौरान गुजरात नम्बर की एम्बुलेंस को चालक लेकर भाग निकला।
संस्थाओं की एम्बुलेंस में भी गड़बड़झाला
मौके पर कुछ संस्थाओं की भी एम्बुलेंस मिली, जिनमें निशुल्क सेवा के बारे में जानकारी दे रखी है, लेकिन इन सेवा का लोगोंं को पता ही नहीं। ये एम्बुलेंस संचालक वहां पार्किंग में जगह घेर कर खड़े रहे। अस्पताल प्रबंधन इन एम्बुलेंस के बारे में भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया। अब ये एम्बुलेंस भी अस्पताल के रिकॉर्ड में ली जाएगी, ताकि पता चल सके कि ये निशुल्क सेवा और गरीबों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो।
अस्पताल में अवैध रूप से पार्क हो रही एम्बुलेंस
– अस्पताल प्रबंधन ने किसी भी एम्बुलेंस के लिए अस्पताल में कोई पार्किंग की जगह तय नहीं की। ऐसी स्थिति में अवैध रूप से पार्किंग के भी कई गाडिय़ों के चालान काटे गए। – कई गाडिय़ां कंडम है, जिनके चालक गाड़ी छोड़ भाग गए। अभी कागजों की जांच के बाद इन गाडिय़ों की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। – अस्पताल परिसर से बाहर निकली कई गाडिय़ां फोटो व वीडियो मेंं कैद हो गई। उन गाडिय़ों के नम्बर के आधार पर उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।