उदयपुर की इशा कोठारी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को देते हुए कहा कि इस सफलता के लिए नियमित पढ़ाई की। वे रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करती थी। अगर किसी दिन ऐसा नहीं हो पाता था तो अगले दिन थोड़ी ज्यादा पढ़ाई करती थी। खास बात ये है कि इशा ने मोबाइल से दूरी बना रखी थी। ना ही उन्हें रील बनाने का शौक है और ना ही मोबाइल देखना पसंद है। अपने परिवार, दोस्तों और शिक्षकों से जुड़े रहने के लिए वो अपने मम्मी-पापा के फोन का इस्तेमाल किया।
इशा ने कहा कि पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन, सोशल मीडिया, परिवारिक समारोह और बर्थडे पार्टियों से भी दूरी बनाए रखी। घूमने फिरने से भी वो हमेशा दूर ही रहीं। इशा ने बताया कि बचपन से ही मेडिकल फील्ड में जाने का सपना देखा था। वे अपने परिवार में इकलौती ऐसी होंगी, जो मेडिकल फील्ड में कॅरियर बनाएंगी। इशा ने सक्सेस मंत्र बताते हुए कहा कि अपने लक्ष्य को ओझल ना होने दें और निरंतरता बनाए रखें।
पिता बिजनेसमैन और मां हाउस वाइफ
इशा के पिता सुधीर कोठारी बिजनेसमैन व मां हंसा कोठारी हाउस वाइफ हैं। पापा के अलावा उनके भाई भी बिजनेस फील्ड में है। इशा ने अपनी सफलता का श्रेय रेडिएंट अकादमी की फैकल्टी के साथ—साथ एमडीएस स्कूल परिवार को दिया।
नीट में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का सबसे बड़ा आंकड़ा
नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित हुई थी। जिसमें 23 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन किया था। नीट में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स का अब तक का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। परीक्षा में 10 लाख छात्र और 13 लाख छात्राएं शामिल हुई थी। परीक्षा भारत के 571 और 14 विदेशी शहरों के 4750 केन्द्रों पर सम्पन्न हुई थी।