तहसीलदार के पद खाली होने से खातेदार अधिकार, कन्वर्जन, रास्तों के मामले, अतिक्रमण, कोर्ट के बंटवारे के आदेशों, किसानों से जुड़े मामले आदि कामों में उलझन बनी हुई रहती है। पटवार मंडलों से तहसील भेज जाने वाली फाइले भी अटकी पड़ी है। तहसीलदारों के पद रिक्त होने से प्रशासनिक प्रबंधन को लेकर भी परेशानियां बढ़ गई है। वल्लभनगर विधानसभा में तो उप चुनाव के चलते अब वहां चार तहसीलें हो गई, लेकिन चारों में तहसीलदार के पद खाली है। वहां भींडर, कानोड़, वल्लभनगर व कुराबड़ में तहसीलदार नियुक्त नहीं कर रखा है। नायब तहसीलदार भी भींडर व कुराबड़ में ही है। इस संबंध में वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर तो राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार से भी मिलकर आए और तहसीलदारों की नियुक्ति कराने की मांग की।
इन तहसीलों को छोड़ सबमें तहसीलदार नहीं
मावली
सलूंबर
लसाडिय़ा
केशरियाजी
तीन उपखंड मुख्यालयों पर एसडीओ ही नहीं बडग़ांव
झाड़ोल
लसाडिय़ा तहसीलों को लेकर खास बातें
– बाकी तहसीलों में तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी है, वहां नायब तहसीलदारों को चार्ज दे रखा है।
– झाड़ोल व कोटड़ा में तो एक ही झाड़ोल के नायब तहसीलदार को जिम्मा दे रखा है।
– वैसे देखा जाए तो कुराबड़ व नयागांव भी नवीन क्रमोन्नत तहसीलें है जहां भी तहसीलदार अभी नहीं लगाए गए है।