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इसके लिए ना तो ऐसी वेबसाइट्स पर और ना उनके रिव्यूज पर भरोसा करें। फेक रिव्यूज पहचानने के लिए फेक स्पॉट और द रिव्यू इंडेक्स जैसी कई साइट्स भी हैं, जो फेक रिव्यू की पहचान करने में मदद करती है।एक सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत लोग फाइव स्टार रेटिंग वाले उत्पाद पर भरोसा करते हैं, जबकि 96.3 प्रतिशत ग्राहक 4 से 5 स्टार वाले उत्पादों पर भरोसा करते हैं। हालांकि, एक बार जब रेटिंग गिरकर तीन स्टार हो जाती है, तो केवल 28.7 प्रतिशत ग्राहकों का कहना है कि वे उत्पाद पर भरोसा करेंगे। तीन स्टार रेटिंग से कम वाले उत्पादों के लिए विश्वास कुछ भी नहीं है। सर्वे में ये भी सामने आया कि 44.9 प्रतिशत लोग रिव्यूज और रेटिंग्स पढ़ना बहुत जरूरी मानते हैं।
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सरकार ने बनाए नए नियम
अब भारत सरकार भी इसके लिए कई नियम-कानून ले आई है। इसके तहत सरकार पैसे देकर पॉजिटिव रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाएगी। दूसरी कंपनियों के लिए निगेटिव रिव्यू कराने पर भी कार्रवाई होगी। जानबूझकर ऐसा करने पर 10 से 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। यह नियम सभी संस्थाओं पर लागू होगा, जो भी वेबसाइट रिव्यू पब्लिश करती हैं, इसलिए ये नए नियम मानना अनिवार्य होगा।