संजीव ने बताया कि ओणम के दिन राजा महाबलि प्रजा से मिलने के लिए वर्ष में एक बार आते हैं। उनके स्वागत में ही घरों के बाहर सुंदर सजावट की जाती है, फूलों की रंगोली बनाई जाती है। वहीं, घरों में विशेष व्यंजन जैसे एरीसद, अवीयल, सांभर, पच्चडी, किच्चडी, तौरण, कालन, रेशम, इन्जी, नारगी अचार और अडप्रधमन पायसम आदि बनाए जाते हैं। ये सभी व्यंजन केले के पत्तों पर सजाकर पूरे परिवार के साथ खाए जाते हैं। इस मौके पर महिलाओं द्वारा तीरूवादीराकली का नृत्य भी किया जाता है।