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– आरएनटी में आईएलआई ब्लॉक के लिए मंगवाए गए 200 बिस्तरों को सीधे ईएसआईसी हॉस्पिटल भेजा गया है। इसमें पलंग व गद्दे शामिल हैं। – इसे हॉस्पिटल में फिलहाल उस सेटअप का स्टाफ नहीं होने के कारण इसे आरएनटी मेडिकल कॉलेज के माध्यम से ही संचािलत किया जाएगा। – इसमें करीब 30 चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की जरूरत के आधार पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज से ड्यूटी लगाई जाएगी, जरूरत के सभी साधन सामग्री, ऑक्सीजन सभी एमबी हॉस्पिटल से ही सप्लाई किया जाएगा।
– जो स्टाफ क्वार्टर हैं, वहां पर क्वारंटाइन किए जाने वाला स्टाफ रहेगा, ताकि सरकारी खर्च भी कम हो सकेगा।
फिलहाल ये सुविधा है इसएसआईसी में – 50 बिस्तर का आईसीयू
– 100 जरनल बिस्तर – 100 स्टाफ क्वार्टर
– सेन्ट्रल ऑक्सीजन – सेपरेट डिलीवरी रूम
– बड़ा खाली स्पेस ——
ऐसे भर्ती किए जाएंगे मरीज
– सेम्प्टमेटिक, लक्षण, सर्दी, जुकाम, खासी व बुखार वाले, माइल्ड एसेम्प्टमेटिक- ईएसआईसी – एसेम्प्टमेटिक, सामान्य व संक्रमित- पेसिफिक उमरड़ा, बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पिटल
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– एसएसबी ब्लॉक में केवल आईसीयू को छोडकऱ अन्य पहला, दूसरा व तीसरा फ्लोर खाली कर दिया जाएगा।
—– इस व्यवस्था को लेकर हमने टीम सहित इएसआईसी का दौरा कर लिया है, जल्द ही ये व्यवस्थाएं शुरू हो जाएंगी। जो मरीज फिलहाल एसएसबी ब्लॉक में भर्ती है, उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा। जैसे-जैसे वह डिस्चार्ज हो जाएंगे जगह खाली होती जाएगी, जिसे अन्य बीमारियों वाले मरीजों के लिए उपयोग में लाया जाएगा। जिला प्रशासन व उच्चाधिकारियों से इसकी स्वीकृति मिल चुकी है।
डॉ लाखन पोसवाल, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज