1. सिटी पैलेस – यहां पहले तक केवल मास्क और आरटीपीसीआर के साथ ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जा रहा था, लेकिन सोमवार से ही इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए जिन पर्यटकों ने कम से कम एक वैक्सीन लगवा रखी है, उन्हें ही प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, 95 प्रतिशत स्टाफ के प्रथम डोज लग चुकी है।
3 सज्जनगढ़ व बायो पार्क – सज्जनगढ़ व बायो पार्क में भी कोरोना गाइडलाइंस को लेकर अधिक सजगता नहीं देखा गई। पर्यटकों को केवल मास्क के साथ ही प्रवेश दिया गया। मुख्य द्वार पर यहां भी आरटीपीसीआर रिपोर्ट या वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता नहीं है, जबकि यहां भी सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। यहां के अधिकतर स्टाफ के पहली डोज लग चुकी है और कईयों के दूसरी भी लग गई।
5. लोक कला मंडल – लोक कला मंडल में उन्हीं पर्यटकों को प्रवेश की अनुमति है जिन्होंने वैक्सीन की कम-से-कम पहली डोज लगवा ली हो। इसके साथ ही मास्क पहने होने व सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना की जा रही है। यहां वैक्सीन के बाद ही प्रवेश का बोर्ड भी लगाया गया है। वहीं, स्टाफ के पहली डोज लग चुकी है।
अनलॉक के बाद पर्यटन को ऑक्सीन मिला है, पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा टूटा है और आर्थिक नुकसान झेलने वाले लोगों को राहत मिली है। पर्यटकों की आवाजाही व पर्यटन स्थलों के आबाद होने से शहर को और इससे जुड़े लोगों को सब तरह से राहत मिली है लेकिन यहां सरकार की गाइड लाइन की पालना कराना भी इन सबकी जिम्मेदारी है। सावधानी व सतर्कता जरूरी है।
नई गाडड लाइन और हकीकत — राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों में जिनको वैक्सीन की पहली डोज लगी है, उन्हें आरटीपीसीआर की नेेगेटिव रिपोर्ट जरूरी नहीं है लेकिन यहां अधिकांश पर्यटन स्थलों पर डोज से लेकर रिपोर्ट आदि के बारे में नहीं पूछा जा रहा है।
— बाहर से आने वाले यात्रियों का नियमित रूम से थर्मल स्क्रीनिंग व ऑक्सीजन सैचुरेशन की जांच की जानी चाहिए लेकिन ऐसा कई जगह नहीं हो रहा है।
— सामाजिक दूरी बनाने की पालना भी गाइड लाइन में है लेकिन फतहसागर से लेकर सज्जनगढ़ पर सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं दिखती है।