कार्निवाल में राजस्थान के करीब एक हजार प्रतिनिधियों का दल भी शामिल हुआ। पार्षद भैरूलाल ने बताया कि महोत्सव में मेवाड़ी रंग छाया रहा। कलाकारों ने अपनी बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुतियां दी। उदयपुर से गए 128 कलाकारों के दल ने अलग-अलग समय में गवरी और गेर नृत्य किया, जिसको सभी ने सराहा और यह समारोह का मुख्य आकर्षण रहा।
ये है मेवाड़ की एवरग्रीन फिल्म ‘गवरी’, कास्टिंग, मेकअप, ड्रेस से लेकर एक्टिंग तक है दिल जीतने वाली कलाकारों ने राष्ट्रीय मंच पर जनजाति संस्कृति की मनोहारी छटा बिखेरी। उदयपुर के गिर्वा क्षेत्र के भील कलाकारों ने गवरी नृत्य किया तो जनजाति हस्तशिल्पी व चित्रकारों ने अपने उत्पादों की स्टॉल लगाकर मेवाड़ी संस्कृति से मेहमानों को रू-ब-रू भी कराया।