सुबह करीब 10.15 बजे कांग्रेस की नवनिर्वाचित अध्यक्ष चंदा मीणा ने प्रस्तावक के तौर पर उपाध्यक्ष के लिए बाबेल का नाम आगे किया। दूसरी ओर भाजपा मंडल अध्यक्ष की अगुवाई में लोकेश पुरोहित ने नामांकन दाखिल किया। जनता सेना ने खुद की स्थिति को भांपते हुए इस चुनाव प्रक्रिया से खुद को दूर रखा, लेकिन सेना के दो पार्षदों की उपस्थिति यहां एक बारगी माहौल चौंकाने वाला बन गया। कांग्रेस और भाजपा के गलियारों में निर्दलीयों के तौर पर जनता सेना के पार्षदों की मौजूदगी से चिंताओं की लकीरें गहरा गई। लेकिन, स्थिति उस समय संशय से बाहर हो गई, जब भाजपा और कांग्रेस को बराबर-बराबर सात-सात मत मिले।
वर्ष 1975 में कानोड़ ग्राम पंचायत का नगर पालिका में विलय हुआ। तबसे अब तक का इतिहास है कि प्रदेश की सत्ता वाली पार्टी ही यहां बोर्ड बनाने में सफल रही है। वर्ष 1994 में पालिका के पहले चुनाव हुए। तब प्रदेश में स्व. भैरोसिंह शेखावत की सरकार थी और भाजपा की कुसुमलता अध्यक्ष बनीं थी। वर्ष 1999 में अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस के मीठालाल चौधरी अध्यक्ष चुने गए थे। वर्ष 2004 में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में भाजपा के भैरूलाल मीणा को अध्यक्ष चुना गया। वहीं 2009 में कांग्रेस के देवा मीणा भी उनकी सरकार के कार्यकाल में नेता चुने गए। वर्ष 2014 में जनता सेना ने पालिका चुनाव में दांव अजमाया, लेकिन सत्ता के हिसाब से बोर्ड भाजपा का बना और बागडोर भाजपा के अनिल शर्मा ने संभाली। 2019 में जनता ने भाजपा और कांग्रेस को बराबरी पर ला खड़ा किया, लेकिन प्रदेश की सत्ता को कांग्रेस के हाथ में देखते हुए किस्मत ने कांग्रेस का साथ दिया और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों की बागडोर कांग्रेस के हाथ में चली गई।
उपाध्यक्ष के चुनाव में खास देखने को मिला कि जनता सेना के पार्षदों को खुला देखकर कांग्रेस ने हर तरीके के हथकंडे अजमाए। किसी ने लालच देकर जुगाड़ जमाया तो किसी ने पुराने रिश्तों का हवाला देकर अपना बनाने के लिए मेहनत की। भाजपा के उदासीन गलियारों में भी जोड़-तोड़ तेज रही, लेकिन जनता सेना सुप्रीमों के विश्वसनीय सूची में शामिल किसी भी पार्षद ने किसी राजनीतिक प्रलोभनों को स्वीकार नहीं किया। भाजपा वल्लभनगर प्रभारी उदयलाल डांगी, मण्डल अध्यक्ष भगवतीलाल शर्मा, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष अनिल शर्मा , उपाध्यक्ष दर्शन शर्मा , जिला प्रभारी दिनेश जोशी सहित पदाधिकारियों को निराशा के साथ लौटना पड़ा। मोदी कुर्ते पर चर्चापूरे नगर पालिका चुनाव में मोदी कुर्ता पहनकर लोगों के बीच हलचल का केंद्र बने रहे भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवतीलाल शर्मा का यह चोला बुधवार को उपाध्यक्ष चुनाव के दौरान कुछ हटकर था। इस उम्मीद से कुर्ते के कारण अध्यक्ष नहीं बन सका तो शायद कुर्ते के बिना उपाध्यक्ष पद ही मिल जाए, लेकिन किस्मत के समीकरणों और ग्रहों की चाल ने भाजपा को यहां भी मौका नहीं दिया।
नगर पालिका चुनाव और बोर्ड के महत्वपूर्ण पदों को लेकर राजनीतिक गलियारों में भाईसाहब के नाम की खूब चर्चा रही। चर्चा इसलिए भी रही कि भाजपा ने जानबूझकर इस सत्ता को हाथ से गंवाया। यह भी लड़ाई केवल स्वाभिमान को लेकर रही। विशेषज्ञों की मानें तो बोर्ड में धुरविरोधी कांग्रेस को पछाडऩे के लिए भाजपा को जनता सेना से हाथ मिलाना चाहिए था, लेकिन भाजपा के साथ सहमति देने के बावजूद पार्टी के भाईसाहब ने रणधीरसिंह भींडर से हाथ मिलाना नहीं स्वीकार किया। अगर, भाईसाहब का इशारा मिल जाता तो पार्टी के स्थानीय नेता जनता सेना से संपर्क कर सात और छह वोटों से बोर्ड बना लेते। पालिका बोर्ड बनाने के लिए किसी भी दल को 11 पार्षदों की जरूरत थी। जवाब में भाजपा के सात और जनता सेना के छह वोट मिलकर भाग्य के इशारे को बदल सकते थे। उपाध्यक्ष की कुर्सी पर एक नजरनगर पालिका गठन के बाद 1975 को मांगीलाल डांगी पहले उपाध्यक्ष बने, 1994 में परसराम सोनी, 1999 में मनोज भानावत , 2004 में महावीर दक , 2009 में सुशीला टेलर व 2014 में दर्शन शर्मा ने उपाध्यक्ष की कमान संभाली थी । अब 2019 में नरेन्द्र सिंह बाबेल उपाध्यक्ष बने हैं।
उपाध्यक्ष बने नरेन्द्र सिंह बाबेल इलोक्ट्रोनिक व्यवसायी हैं। बीकॉम तक पढ़े-लिखे बाबेल 12 वोटों से वार्ड एक से जनता सेना के मनोहर सिंह को हराकर चुनाव जीते हैं। खुशी की लहर
मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधान करण सिंह कोठारी , ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सूरजमल मेनारिया, नगर अध्यक्ष सुनील शर्मा, एमआरएस सदस्य अयूब खान पठान, आकोला सरपंच दिनेश चौधरी,देहात जिला उपाध्यक्ष रूपलाल मीणा , ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष लोकसभा महासचिव दुर्गेश मेनारिया , अभिताब दक , पीथलपुरा पूर्व सरपंच किशनलाल जाट, ख्यालीलाल बाबेल, अमरपुरा सरपंच अशोक जैन , मेहमुद खान पठान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष दिलिप सिंह सोलंकी, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज भानावत, युवा नेता संजय जारोली ने आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया ।
कांग्रेस का बोर्ड बनने की खुशी कांग्रेस में ही नहीं अपितु जनता सेना के कार्यकर्ताओं में भी खुलकर नजर आई, जहां अध्यक्ष की जीत के बाद जेसे ही उपाध्यक्ष भी कांग्रेस का बनने की सूचना आते ही खुशी की लहर दौड़ गई। जनता सेना के कार्यकर्ता कोर्ट चौराहे पर खुशी मनाते नजर आए । वहीं जनता सेना के सप्रिमों ने अध्यक्ष चुनने के बाद रात्रि में राजमहल में आयोजित कार्यक्रम में जनता सेना के पार्षदों व कार्यकर्ताओं के साथ जमकर ठुमके लगाए। वहीं गाने गाकर पूर्व विधायक ने भाजपा पर व्यंग बाण छोड़े।
बाड़े बंदी से बाहर आए नवनिर्वाचित जनता सेना के पार्षद पारस नागोरी , भवानी सिंह चौहान, लोकेश चौधरी , प्रकाश लक्षकार, राजकुमारी कामरिया, प्रेमदेवी चौहान का परिजनो व वार्ड वासियों ने माला पहनाकर स्वागत किया।इधर, पूरे घटनाक्रम के दौरान मावली तहसीलदार रतनलाल कुमावत, कानोड़ तहसीलदार रामनिवास मीणा , भीण्डर तहसीलदार राम सिंह राव व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। nagar palika news एसडीशनल एसपी अत्ताउर्रहमान, वल्लभनगर डिप्टी हितेश मेहता , मावली सीआई बोराज सिंह , भीण्डर थानाधिकारी पूनाराम गुर्जर , कानोड़ थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह देवल , खेरोदा थानाधिकारी रणजीत सिंह शक्तावत सहित पुलिस लाइन का जाप्ता मौके पर मौजूद रहा।