लिंगदोह की सिफारिशें मानना जरूरी…. नवआगंतुक छात्रों के स्वागत में बैनर-पोस्टर लगाने के बहाने छात्रनेताओं द्वारा पूरी तरह से चुनावी तैयारियां नजर आ रही हैं। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना करवाना कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है। छात्रसंघ चुनावों में लाखों रुपए इसी तरह के प्रचार-प्रसार में खर्च हो जाते हैं। अभी तो बैनर के जरिये चेहरे पेश किए जा रहे हैं लेकिन आने वाले दिनों में अगर सख्ती नहीं रही तो कॉलेज की दीवारें पोस्टर से और पूरा कैम्पस पेम्फ्लेट से अटे हुए नजर आएंगे।
यह चल रहा है इन दिनों….
-छात्रनेता के समर्थक छात्र हर विद्यार्थी के मोबाइल नम्बर सेव कर रहे। – सब्जेक्ट से जुड़ी जानकारी लेकर मदद की बात कहते हुए आश्वस्त कर रहे है कि उन्हे कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
– सीनियर छात्रों का ग्रुप भी अपने पंसदीदा छात्रनेता के साथ खड़ा नजर आ रहा है। -छात्रों का ग्रुप प्रवेश लेने वाले छात्र से हाथ मिलाने के साथ गले लगकर आत्मियता दिखा रहे है।
-छात्राओं का ग्रुप भी पहली बार कॉलेज आ रही छात्राओं की मदद में पीछे नहीं है।
-कॉलेज स्टाफ और फैकल्टी के पैर छूकर, हाथ जोडकऱ और प्रदर्शन करके भी काम निकलवाने में छात्रनेता अभी पीछे नहीं है।