नहीं चाहिए एसी वाला ऑडिटोरियम, पहले कोरोना से लड़ना, पानी का संकट भी दूर करना
मावली विधायक धर्मनारायण ने उठाए सवाल, बोले मुझे आदेशित कर रहा जिला परिषद
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. मावली विधायक धर्मनारायण जोशी ने उदयपुर जिला परिषद में 175 लाख रुपए की लागत से वातानूकुलित सभागार बनाने को लेकर जिला परिषद से दो बार फोन पर विधायक मद से दस लाख रुपए की अनुशंसा करने को लेकर विरोध दर्ज कराया। बोले कि जनप्रतिनिधि को इस तरह फोन करना उनके विवेकाधिकार का उल्लंघन किया गया है। साथ ही इस समय पानी का संकट व कोविड-19 से लडऩा पहली प्राथमिकता है। इसको लेकर सोमवार को उन्होंने जिला परिषद सीईओ को पत्र लिखकर उसकी प्रति मुख्यमंत्री को भी भेजी।
जोशी ने पत्र में लिखा कि इस विषम काल में सभागर के निर्माण को स्थगित किया जाए। उन्होंने बताया कि जहां गांवों की जनता को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है, वहीं कोविड़-19 की महामारी के दौर में राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति भी बहुत सुदृढ नहीं है। ऐसी स्थिति में विधायक मद का उपयोग ऐसी योजना में करना जनता व राज्य कोष दोनों के प्रति अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें जिला परिषद से ईमेल व दूरभाष पर अवगत कराया गया इस निर्माण के लिए सभी विधायकों की अनुशंषा आ गई है, केवल उनकी ही बाकी है। जिला परिषद से विधायक मद की अनुशंषा के लिये मुझे आदेशित किया गया जो एक जनप्रतिनिधि के नाते मेरे विवेकाधिकार व विशेषाधिकार का उल्लंघन है। उन्होनें पत्र में यह भी लिखा है कि जिला परिषद साधारण सभा की बैठक वर्ष में केवल तीन या चार बार होती है। उसके लिये विधायक मद के 175 लाख रूपया व्यय करना जनता से उनके हक के संसाधन छीनने जैसा कृत्य है। विधायक ने कहा कि वर्ष में तीन-चार बैठकों के लिये ओ.टी.सी. सभागार, टी.आर.आई. सभागार, नगर निगम सभागार का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने पत्र की प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, विस अध्यक्ष डा. सीपी जोशी व जिला कलक्टर आनंदी को भी भेजी।
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