एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी इंटेलिजेंस इकाई को परिवादी ने शिकायत दी कि उसके रिसोर्ट का जीएसटी टीम ने सर्वे किया था। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई नहीं करने और आईटीसी क्लेम का फायदा देने के एवज में वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त डूंगरपुर निवासी रविन्द्र जैन से मिला। उसने इस एवज में 8 लाख की मांग की। शिकायत पर एसीबी उपमहानिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन में सीआई डॉ. सोनू शेखावत मय टीम ने शिकायत का सत्यापन किया। पुष्टि होने के बाद टीम ने उसे कार्यालय में रिश्वत लेते हुए दबोचा।
सात लाख की डमी करेंसी के साथ पकड़ा
आरोपी ज्योइंट कमीश्नर द्वारा रिश्वत के आठ लाख रुपए मांगने पर परिवादी ने इतनी बड़ी रकम नहीं होना बताया। इस पर एसीबी टीम ने सात लाख रुपए के डमी नोट तैयार किए। इन डमी नोट को एक लाख रुपए के असली नोट के साथ रखकर परिवादी ने आरोपी को दिए। परिवादी ने कार्यालय पहुंचकर आरोपी को जैसे ही यह नोट थमाए तभी आरोपी को पकड़ लिया। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में एक टीम आरोपी से पूछताछ में जुटी है तो एक टीम उसके सेक्टर-4 स्थित आवास की तलाश कर रही है।