मुख्य टिकट निरीक्षक ललित भारती ने बताया कि एचएचटी मशीनों से कागज की बचत के साथ ही कई अन्य लाभ भी हो रहे हैं। इन मशीनों से सर्वाधिक लाभ यात्रियों को हो रहा है। ट्रेन रवाना होने के बाद मार्ग में ही टीटीई कोच की स्थिति को अपडेट कर सकते हैं। ऐसे में अगले स्टेशन पर तत्काल टिकट लेने वालों को कंफर्म सीट भी उपलब्ध हो रही है। जनरल टिकट काटने और डिफरेंस राशि भी क्यूआर कोड से ली जा सकती है। मशीन का एप लगातार अपडेट हो रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों और भी सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
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जहां तक हो सके यात्री ने जिस स्टेशन से यात्रा का टिकट बुक करवाया है उसी से ट्रेन में चढ़ना होगा। एक बार उसकी बर्थ अन्य यात्री को उपलब्ध करवाने के बाद किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। एक बार अन्य यात्री को टिकट आवंटित होने के बाद किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होगी।
अभी तक मैनुअल टिकट जांच के दौरान टीटीई सीट/बर्थ पर एक से दो स्टेशन तक यात्री की प्रतीक्षा करते थे। एक स्टेशन के बाद भी यात्री को उपस्थित मान लेते हैं। यात्री के पहुंचने के बाद टीटीई आरक्षण चार्ट को दुरुस्त कर देते हैं। सहूलियत का फायदा उठाते हुए यात्री भी यात्रा शुरू करने वाले स्टेशन से आगे अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन पकड़ लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
कई बार यात्रियों की गाड़ी छूट जाती है। ऐसे में वे टैक्सी या अन्य संसाधन से अगले स्टेशन तक पहुंचकर ट्रेन पकड़ लेते हैं, लेकिन अब किसी यात्री की गाड़ी छूटती है तो वह संबंधित स्टेशन के अधिकारी को सूचना देगा। इसके बाद अधिकारी कंट्रोलर को इसकी सूचना देगा। फिर ट्रेन के टीटीई को सीट बुक ही रखने के निर्देश दिए जाएंगे। अब यात्री टैक्सी या अन्य संसाधन से अगले स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन को पकड़ सकता है। ऐसा नहीं करने पर सीट अन्य यात्रियों को उपलब्ध करवा दी जाएगी।
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