ये है दोनों में अंतर
‘दिया और बाती हम’ ( Diya Aur Baati Hum ) में भाभो के पारंपरिक और नए शो में प्रतिभा देवी के मॉर्डन किरदार पर नीलू ने कहा कि दोनों भूमिकाएं बच्चों को लेकर सतर्क मां की हैं। भाभो कम पढ़ी-लिखी थी, तो प्रतिभा शिक्षित है। वह परंपराओं व संस्कारों को लेकर चलती है।
‘दिल से मेहनत करनी होगी’
राजस्थान में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर नीलू का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि यहां भी फिल्मों और टीवी की शूटिंग के साथ निर्माण का भी काम शुरू होगा। सरकार भी सहयोग कर रही है। स्टूडियोज बनेंगे तो जाहिर है, शूटिंग्स भी होंगी। लोगों को भी काम मिलेगा। उनका मानना है कि अगर लोग ईमानदारी और दिल से मेहनत करें, तो फिर से राजस्थानी सिनेमा का पुराना दौर लौट सकता है। यहां के लोग दोनों हाथों से स्वागत करने को तैयार हैं।
‘फैंस ने कभी नहीं की बदसलूकी’
राजस्थानी फिल्मों से मिले स्टारडम को याद करते हुए नीलू ने बताया कि फैंस आज भी उन्हें भोमली के नाम से पुकारते हैं। उस जमाने में हमने सडक़ों, पार्कों और कई जगहों पर शूटिंग की, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी फैन ने बदसलूकी की हो। लोग शूटिंग देखने आते थे। दूर खड़े होकर तसल्ली से शूटिंग देखते थे। शॉट पूरा होने के बाद मिलते और फोटो खिंचवाते थे। हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ कि फैंस की इतनी भीड़ आ गई कि मुझे बचते हुए निकलना पड़ा।