मुकेश खन्ना ने कहा, “हर कोई तुनिषा के लिए परेशान है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी गलती लड़की के माता-पिता की होती है। बच्चे अपना ख्याल रख सकते हैं। लेकिन लड़कियां बहुत इमोशनल होती हैं। कुछ लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड को भगवान मानती हैं। लेकिन सोचिए उनके साथ क्या होता है जब उन्हें पता चलता है कि उनका पार्टनर उन्हें धोखा दे रहा है। तुनिषा का दिल टूट गया था और उसने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला किया।”
खन्ना ने आगे कहा, “माता-पिता को बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। नहीं तो हर लड़की को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। अगर तुनिषा के माता-पिता साथ होते तो ऐसी घटना नहीं होती। माता-पिता को हर महीने अपने बच्चों से मिलना होता है। माता-पिता को अपने बच्चों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि तुनिषा तो चली गई लेकिन आज उनके बॉयफ्रेंड को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
मुकेश खन्ना ने तुनिषा के मामले को ‘लव जिहाद’ का केस नहीं माना। उन्होंने कहा, “हर खान जरूरी नहीं है इस तरीके के काम करता हो।” उन्होंने तुनिषा द्वारा उठाए गए कदम को बचकाना बताया । उन्होंने यह भी कहा कि आत्महत्या एक-दो मिनट का अवसाद होता है। ऐसे ख्याल आने के बाद कुछ दिखाई नहीं देता, कुछ समझ नहीं आता। मगर उस वक्त उसे कोई रोक सकता है तो वह उसके विश्वसनीय पात्र है। जो माता-पिता, भाई-बहन या दोस्त हो सकते हैं। तुनिषा के भी मुश्किल घड़ी में अगर उसे कोई समझाने वाला मिल जाता तो वह ऐसा कदम नहीं उठाती।