कविताएं लिखने का शौक था
डॉ. हाथी बिहार के सासाराम के रहने वाले थे। कवि कुमार बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे। साथ ही उन्हें कविताएं लिखना भी बेहद पसंद था। हालांकि उनके घर वाले उनके एक्टर बनने के खिलाफ थे लेकिन वह अपने सपने को पूरा करना चाहते थे और इसके लिए वह एक दिन घर से भाग गए।
अचानक मिला था डॉ. हाथी का किरदार
गौरतलब है कि टीवी शो तारक मेहता में डॉ. हाथी का किरदार भी उन्हें अचानक से ही मिल गया था। बता दें कि स्ट्रगलिंग के दौरान उन्हें एक प्रोडक्शन हाउस से कॉल आया और फोन में उनसे कहा गया कि उनको प्रोडक्शन हाउस के बॉस ने बुलाया है। डॉ. हाथी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जैसे ही वह केबिन के अंदर गए तो बॉस ने देखते ही उन्हें डॉक्टर हाथी के रोल के लिए उन्हें सेलेक्ट कर लिया था।
डॉ. हाथी पहले लगभग 200 किलो के थे। साल 2010 में उन्होंने अपना 80 किलो वजन सर्जरी से कम किया था। इससे उन्हें रोजाना की जिंदगी में आसानी हो गई थी।
गिटार का था शौक
बता दें कि डॉ. हाथी अपनी गाड़ी में हमेशा गिटार रखते थे लेकिन उन्हें गिटार बजाना नहीं आता था। उनका एक दोस्त अक्सर डॉ. हाथी के कहने पर गिटार बजाया करता था। कभी-कभी वह अपने दोस्तों के साथ मरीन ड्राइव पर जाते थे और गिटार बजाकर गाने गाया करते थे।