काव्या के साथ पाखी खुश
काव्या के साथ पाखी को खुश देख पूरा परिवार हैरान हो जाता है। तभी काव्या अपनी दोस्त को फोन लगाती है। वो अपनी दोस्त को फोन लगाकर जॉब के लिए पूछती है। काव्या कहती है कि बस एक बार नौकरी मिल जाए। सब खुद ठीक हो जाएगा।
नहीं मिला वनराज को लोन
वनराज लोन लेने के लिए गया होता है। वापस आते हुए गाड़ी में वनराज सोचता है कि कैसे उसे लोन नहीं मिला। बैंक वाले कहते हैं कि उनके अकाउंट में काफी समय से कोई पैसा नहीं आया है। साथ ही उनके पास जॉब नहीं है। ऐसे में उन्हें लोन नहीं मिल सकता है।
अनुपमा का अनोखा सपना
पाखी दौड़कर अनुपमा के पास आती है और चोटी बनवाने के लिए कहती है। अनुपमा खुशी से उसके बाल बनाने लगती है। तभी दरवाज़ा खुलता है वो किंचल अंदर आती है। ये देख अनुपमा चौंक जाती है। किंचल देखती है कि अनुपमा के हाथों में कुछ पेपर्स है। किंचल कहती है कि उनकी एक बेटी उनके पास नहीं है, लेकिन दूसरी बेटी तो है। तभी समर, नंदनी भी आ जाते हैं। समर, नंदनी और किंचल अनुपमा से कहते हैं कि वो स्टेज पर चढ़ते ही रॉक कर देगी।
साथ ही समर और नंदनी कहते हैं कि कैसे वो आने वाले टाइम में उनके काम को संभालेंगे। खुशी में अनुपमा सबको गले लगा लेती है। पाखी ये सब देख लेती है और कहती है कि ये सब उनके पास आ गए हैं,लेकिन वो उनसे काफी दूर चली गई है। पाखी कहती है कि वो भी पापा की तरह बेस्टी के पास चली गई है।
अनुपमा ने किंचल को समझाया
समर और नंदनी के जाने के बाद अनुपमा अकेले में किंचल से पूछती है कि उसके और तोषो के बीच सब ठीक है। दोनों के बीच झगड़ा खत्म हुआ। किंचल अनुपमा को बताती है कि जब तक उन दोनों में से कोई एक अपना फैसला नहीं बदलता है। तब दोनों के बीच मनमुटाव रहेगा। अनुपमा किंचल को कहती है कि तोषो अगर जाना चाहता है तो उन्हें भी कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किंचल बताती है कि कैसे उसका बचपन बिना माता-पिता के प्यार के गुज़रा है।
किंचल कहती है कि उसके घर में हमेशा बस काम करने वालों का स्टॉफ होता था। जब से वो इस घर में आईं है। तब से उन्होंने असली रिश्तों को जीते हुए देखा है। किंचल ने कहा कि हर घर में लड़ाइयां होती है। तोषो कुछ समय पहले भी दो दिन के लिए उस घर में रहने के लिए आया था। लेकिन वहां रह नहीं पाया था। अनुपमा किंचल को सलाह देती है कि वो कुछ समय के लिए जाकर देख।
किंचल-तोषो की खुशी चाहता है परिवार
अनुपमा किंचल को एहसास दिलाती है कि उसका रिश्ता पहले तोषो से जुड़ था। अनुपमा कहती है कि उसे खुद के रिश्ते पर ध्यान देना चाहिए। पूरा परिवार दोनों को साथ में खुश देखना चाहता है और यही वक्त है जब दोनों को एक-दूसरे का समझना है। अनुपमा किंचल को कहती है कि वो जो भी फैसला ले। ध्यान से ले।
काव्या अनुपमा में हुई बहस
अनुपमा मंदिर में भगवान के सामने हाथ जोड़ते हुए कहती है कि पाखी और काव्या का परफॉर्मेंस अच्छे जाए। तभी अनुपमा अपने स्कूल के बच्चों के लिए बैग तैयार कर रही होती है। तभी बॉ आती है और कहती है कि वो पाखी का बैग तैयार ना करें। काव्या आती है वो कहती है कि उसने बैग तैयार कर दिया है। वो बैग में बाहर का खाना देखती है। अनुपमा कहती है कि पाखी ये खाएगी तो उसकी तबीयत खराब हो जाएगी। अनुपमा काव्या को खिचड़ी देती है। लेकिन काव्या लेने से मना कर देती है। तभी पाखी आती है और फिर से अनुपमा के साथ लड़ने लगती है।
पाखी ने की फिर अनुपमा से बदतमीजी
पूरे परिवार के सामने पाखी फिर से अनुपमा को खूब खरी-खोटी सुनाती है। पाखी कहती है कि वो काव्या से जल रही है और उन्हें महान बनना है। पाखी कहती है कि वो अनुपमा से बहुत नफरत करती है। ये बात सुनकर वनराज पाखी को चुप रहने को कहता है,लेकिन वो एक नहीं सुनती। तभी बाबू जी का गुस्सा फूट जाता है और वो पाखी को जमकर डांट लगाते हैं।
बाबू जी ने समझाया पाखी को
बाबू जी कहते हैं कि जब बाहर का कोई शख्स ऐसा करता है। तो कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब घर का ही बच्चा ऐसा करता है कि दिल टूट जाता है। कलेजा छिल जाता है। बाबू जी पाखी को समझाते हैं कि एक बेटी ने इस घर में एक मां की ममता का अपमान किया है। ऐसे में तुम्हें सजा मिलनी चाहिए। बाबू जी कहते हैं कि अगर कोई घर का सदस्य फंक्शन में जाएगा तो वो कसम खाते हैं कि वो कभी भी उसे बात नहीं करेंगे। बाबू जी पाखी को कहते हैं कि वो ये सीख लें तो उसके लिए सबक होगा। नहीं सीखी तो उसकी सजा है।
बाबू जी ने कसा काव्या पाखी पर ताना
बाबू जी अनुपमा का बैग लाकर उन्हें देते हैं और स्कूल जाने को कहते हैं। बाबू जी अनुपमा से कहते हैं कि वो बस या रिक्शा से चली जाए। लेकिन इन महान लोगों के साथ ना जाए। क्योंकि इनकी नज़र में तुम्हारी औकात ही क्या है। एक मां की। अनुपमा उदास चेहरे के साथ घर से चली जाती है।
( Precap– पाखी काव्या से बोलती है कि उसकी ड्रेस उसे काफी असहज लग रही है। काव्या कहती है कि आखिरी मिनट में वो कहां से ड्रेस लाएगी। वहां अनुपमा तैयार होकर बहुत सुंदर लग रही होती है। पाखी परेशान होती है और काव्या से मेकअप करने को कहती है, लेकिन काव्या कहती है कि वो पहले ही काफी नर्वस है। अनुपमा पाखी को देखने के लिए आती है और देखती है कि पाखी अपने में ही उलझी हुई है और काव्या उसे कोई मदद नहीं कर रही है। )