इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने बजरी खनन पर रोक लगाने के लिए अनेक कार्य योजना भी बनाई, लेकिन जिले में बजरी खनन पर सख्ती से कभी रोक नहीं लग पाई। फिलहाल जिला प्रशासन ने उपखण्ड स्तर पर एसआईटी का गठन कर रखा है, जिसमें उपखण्ड प्रशासन, राजस्व, पुलिस, वन, खनिज का प्रतिनिधि शामिल है।
जिले में छह एसआईटी गठित है। आलम यह है कि रोक की अवधि से अब तक 1797 वाहन तो अगस्त माह तक जिले में पकड़े जा चुके है, जिनसे 11 करोड़ 44 लाख दो हजार 569 रुपए की वसूली की जा चुकी है।
महज यह तो एक बानगी है,इससे अधिक वाहन जिले से बाहर निकलने के बाद अन्य जिलों में पकड़े गए है। वहीं जिले के थानों में करीब तीन करोड़ की बजरी के ढेर लगे हुए है, जो पुलिस के लिए भी सिरदर्द बने हुए है।
यह है जुर्माने की प्रक्रिया
खनिज विभाग के अभियंताओं के अनुसार पकड़े गए वाहनों में ट्रैक्टर से 25 हजार के अतिरिक्त प्रति टन 400 रुपए के हिसाब से जुर्माना वसूला जाता है। वहीं ट्रक, टैलर व डंपर से एक लाख रुपए के अतिरिक्त 400 रुपए प्रति टन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाता है।
प्रतिबंध तो दूर, कोई रोकने वाला भी नहीं है
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई पांच विभागों की टीम खनन रोकना तो छोड़ा परिवहन तक की अनदेखी बरत रही है। वहीं दूसरी ओर बिना टीम कार्रवाई के लिए पुलिस भी हाथ खड़े कर रही है। जबकि ग्रामीणों का आरोप हैकि अवैध खनन के बारे में पुलिस को पता है और वह किन्हीं कारणों के चलते चुप्प है।
जिला कलक्टर की ओर से बनाई गई टीम तो गाहे-बगाहे भी कार्रवाई नहीं कर रही है। इसी का नतीजा है कि पीपलू तथा निवाई क्षेत्र में सर्वाधिक बजरी का खनन चल रहा है। अब तो खननकर्ता दिन-रात खनन में जुटे हैं।
सूत्रों के अनुसार निवाई के रम्भा, कचोलिया, गुढ़ा रामदासपुरा में इन दिनों धड़ाधड़ा बजरी का अवैध खनन जारी है। इन गांवों में गुरुवार दोपहर में भी पॉकलैण्ड तथा जेसीबी चल रही है। यहां से ट्रैक्टर-ट्रॉली तथा अन्य बड़े वाहन बजरी भरकर गुजर रहे हैं। ये वाहन निवाईसे जयपुर तथा फागी से जयपुर तक जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
वर्ष जब्त वाहन वसूली गई राशि
2017 86 4819110
2018 1003 72123779
2019 708 37459680
स्रोत- खनिज विभाग