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विद्यालयों का स्तर सुधारने की कवायद, न्यून परीक्षा परिणाम वाले 41 स्कूल शिक्षा अधिकारियों को दिए गोद

Education Department News: सरकार की ओर से शिक्षा विभाग का ढांचा सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत न्यून परीक्षा परिणाम वाले 41 स्कूल शिक्षा अधिकारियों को गोद दिए गए है।

टोंकNov 30, 2019 / 04:47 pm

pawan sharma

विद्यालयों का स्तर सुधारने की कवायद, न्यून परीक्षा परिणाम वाले 41 स्कूल शिक्षा अधिकारियों को दिए गोद

विद्यालयों का स्तर सुधारने की कवायद, न्यून परीक्षा परिणाम वाले 41 स्कूल शिक्षा अधिकारियों को दिए गोद

आवां. सरकार की ओर से शिक्षा विभाग का ढांचा सुधारने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर ने सत्र 2019 में बोर्ड कक्षाओं में निर्धारित मापदण्डों से कम परीक्षा परिणाम रहने वाले विद्यालयों को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गोद देकर गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए हैं।
इसकी पालना में मुख्य जिला शिक्षाधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा अभियान टोंक ने भी जिले के सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारियों को इस सन्दर्भ में आदेश जारी किए हैं। निदेशक की ओर से जारी आदेश के अनुसार बोर्ड कक्षाओं का न्यून परिणाम देने वाले 41 विद्यालयों के सुधार एवं अधिक परीक्षा परिणाम के लिए सीबीईओ, एसीबीईओ, पीईईओ, आरपी सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी तय की है।
उक्त अधिकारियों को उन्नयन एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए माहवार पाठ्यक्रम विभाजन, गृहकार्य जांच एवं मासिक परख आयोजित करवाना है। यह अधिकारी आवंटित विद्यालयों का सतत पर्यवेक्षण कर बकाया समयावधि में बोर्ड परीक्षा परिणाम की विशिष्ट कार्य योजना का निर्माण करेंगे। साथ ही उपचारात्मक शिक्षण के साथ सकारात्मक वातावरण निर्माण की भूमिका निभाएंगे।

16 99 का कम रहा परिणाम
वर्ष 2019 में राज्य के 1699 विद्यालयों का बोर्ड परीक्षा परिणाम न्यून रहा। इसमें कक्षा 12 के 459 और कक्षा 10 में 1240 विद्यालय शामिल रहे। टोंक जिले के 41 विद्यालयों में टोंक ब्लॉक के 9, मालपुरा के 4, देवली के 13, निवाई के 6 , टोडारायसिंह के 6 और उनियारा ब्लॉक के 3 विद्यालयों के परिणाम न्यून रहे हैं, जिन्हें शिक्षा अधिकारियों को गोद दिया गया है।

शिक्षकों पर गिरेगी गाज
इस सत्र की बाहरवीं की बोर्ड परीक्षाएं 20 फरवरी और दसवीं की 27 फरवरी से प्रारम्भ हो रही है। बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए विभाग ने शिक्षकों को समय पर पाठ्यक्रम पूरा कराने और रीविजन कराने के निर्देश दिए हैं। कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लासें और प्रतिभावान छात्रों के लिए अलग से कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद भी परिणाम न्यून रहा तो नियमानुसार विषयाध्यापक के साथ संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाही करने की प्रकिया अमल में लाई जाएगी।

चल रही शिक्षकों की कमी
विभिन्न शिक्षक संघों के पदाधिकारियों का मानना है कि अच्छे परीक्षा परिणाम के लिए आवश्यकतानुसार शिक्षक होना पहली आवश्यकता है। इसके बावजूद अधिकांश विद्यालय शिक्षकों की कमी से उभर नहीं पा रहे हैं। जिले के कई माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे गणित, विज्ञान और अगे्रंजी जैसे कठिन माने जाने वाले और सर्वाधिक न्यून परिणाम देने वाले विषयों के पद रिक्त चल रहे हैं, इससे शिक्षण प्रभावित होना स्वाभाविक है।

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