भाजपा सरकार पर लगाया आरोप
देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार
नरेश मीना ने कहा कि बुधवार सुबह 9 बजे मुझे सूचना मिली कि समरावता गांववालों ने चुनाव का बहिष्कार किया है। अधिकारी ने दो लोगों को जबरन मतदान करवाकर उनका बहिष्कार खत्म करवाया। जब मैंने लोगों से मतदान करने का आग्रह किया तो मुझे बताया गया कि जब तक कलेक्टर आकर उन्हें आश्वासन नहीं देते, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। पूरा प्रशासन भाजपा सरकार के निर्देश पर भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा था।
निशाने पर एसडीएम
उन्होंने कहा कि एसडीएम ने तीन लोगों को धमकाकर जबरन मतदान करवाया। मैंने बूथ कार्यकर्ताओं से पूछा कि यह किसने किया, तो उन्होंने एसडीएम का नाम लिया, इसलिए मैंने उन्हें थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मैंने अपना विरोध जारी रखा और प्रशासन से कोई भी बूथ पर नहीं आने के बाद मैं पूरी तरह से शांत हो गया। हमने एसपी से आने के लिए कहा, लेकिन वे भी नहीं आए। जब मैं अपना खाना लेने गया तो एसपी ने मुझे हिरासत में लेकर पुलिस वैन में डाल दिया, जिसके बाद पथराव शुरू हो गया। पुलिस तुरंत भाग गई। आंसू गैस और मिर्ची बम फेंके गए। मुझे बचाने के लिए मेरे समर्थक मुझे पड़ोसी गांव ले गए। हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह हिंसा है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी निर्दोष हैं। मुझे किरोड़ी लाल मीना के अलावा किसी से कोई उम्मीद नहीं है।
नरेश मीना ने कहा कि एसडीएम की कोई जाति नहीं होती। चाहे वह किसी भी जाति का हो, मैं उसे पीटता। उनके तौर-तरीकों को सुधारने का यही एकमात्र इलाज है। हमने सुबह से कुछ नहीं किया, हम उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हमारे लिए खाने का इंतजाम नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि मैं इसी मंच पर था, जब मैं बेहोश हो गया। मेरे समर्थक मुझे अस्पताल ले गए और जब मिर्ची बम का धमाका हुआ, तो मेरे समर्थक मुझे दूसरे गांव ले गए, जहां मैंने पूरी रात आराम किया, जो कुछ भी हुआ, वह पुलिस ने किया। एसडीएम यहां क्यों हुक्म चला रहे थे? वह भाजपा के एजेंट हैं।