रविवार सुबह बांध का गेज ३१२.५८ आरएल मीटर दर्ज किया गया था, जो सोमवार सुबह तक ४ सेमी की बढ़ोत्तरी के साथ ३१२.६२ आर एल मीटर हो गया है, जिसमें २०.५२७ टीएमसी पानी का कुल भराव है। बांध क्षेत्र में पिछले २४ घंटों के दौरान कुल २० एमएम बारिश दर्ज की गई है, वहीं सीजन की अब तक कुल २७१ एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है।
बांध परियोजना के अनुसार बांध के करीबी क्षेत्र में हो रही हल्की बारिश से बांध में मामूली पानी की आवक हो रही है। बांध के कैचमेंट एरिया में पडऩे वाले चित्तोडग़ढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, उदयपुर जिलो में अभी तेज बारिश का अभाव होने से बांध में पानी की आवक भी अभी धीमी है।
हालांकि शुक्रवार को भीलवाड़ा जिले में हुई तेज बारिश के कारण त्रिवेणी का गेज शून्य से डेढ़ मीटर पर चल पड़ा था, जो रविवार तक वापस घटकर १.०५ मीटर रह गया है। उक्त पानी भीलवाड़ा जिले में सूखी पड़ी बनास में सोखने के कारण बांध के जलभराव तक नहीं पहुंच पाया है। अभियंताओं के अनुसार त्रिवेणी का गेज दो मीटर से ऊपर लगातार चलता है तो बांध के जलभराव में पानी की आवक होने की सम्भावना बनती है।
30 में से 16 बांध अभी तक भी है सूखे, मानसून की नाराजगी टोंक. जिले के बांधों व तालाबों को मानसून की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है । सिंचाई विभाग नियंत्रण कक्ष की प्रभारी शिवांगी गोयल के मुताबिक टोंक जिले में पिछले साल मानसून सत्र 2019 में जलसंसाधन विभाग के रेन गेज में 10 अगस्त तक 5474 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।
जब कि इस वर्ष 2020 में10 अगस्त तक सिर्फ 2708 मिमी वर्षा ही हुई है, जो पिछले साल से 2766 मिमी वर्षा कम हुई है। वही टोंक जिले के बांधों की स्थिति भी यही है जहा पिछले साल वर्ष 2019 में मानसागर बांध में 2 मीटर जी चादर चली थी, जबकि वर्तमान में चादर चलना तो दूर है अभी तक बांध में पानी की आवक शुरू नहीं हो पाई। पिछले साल जिले के 30 बांधों में से 24 बांधों में पानी की आवक हुई थी, लेकिन इस साल 10 अगस्त तक 30 में से16 बांध अभी तक खाली पड़े है।