सरपंच रंगलाल साावरिया ने बताया की राज्य एवं केन्द्र सरकार गुरुद्वारा साहिब, गंगेश्वर एवं धुंधलेश्वर महादेव मंदिर को देवस्थान विभाग एवं मोतीसागर बांध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करे तो गांव, क्षेत्र एवं जिले का विकास संभव है।
जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के भरनी कस्बे से सात किलोमीटर दूर बसे धुवांकला का इतिहास 700 साल से अधिक पुराना है। चारों ओर घने जंगल एवं प्रकृति की अनुपम छटा के बीच बसा यह गांव संत शिरोमणी धन्नाभगत की जन्म भूमि एवं तपोस्थली है। जहां आज देश-प्रदेश के नहीं अपितू विश्व से श्रद्धालु आकर मत्था टेक असीम आनन्द की प्राप्ति करते है।
टोंक•Jul 07, 2021 / 10:06 am•
pawan sharma
विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा व शिव मंदिर से बनी धुवांकला की पहचान
Hindi News / Tonk / विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा व शिव मंदिर से बनी धुवांकला की पहचान