Weather Prediction: इस साल बेहाल कर देगी बारिश, नहीं पड़ेगा अकाल, जानिए किसने की इतनी बड़ी भविष्यवाणी
कस्बे में रविवार को मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित दड़ा महोत्सव में बारह गांव के हजारों किसानों की ढाई घंटे चली मशक्कत के बाद दड़ा जब दूनी गोल पोस्ट की तरफ जाने लगा तो वहां मौजूद हजारों किसानों के चेहरों पर मुस्कान छा गई
कस्बे में रविवार को मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित दड़ा महोत्सव में बारह गांव के हजारों किसानों की ढाई घंटे चली मशक्कत के बाद दड़ा जब दूनी गोल पोस्ट की तरफ जाने लगा तो वहां मौजूद हजारों किसानों के चेहरों पर मुस्कान छा गई, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी जब दड़ा सुकाल के मुकाम पर नहीं पहुंचा तो किसान अचंभित हुए। लेकिन उन्हें खुशी इस बात की हुई की अकाल का सामना नहीं करना पड़ेगा। आने वाला साल सामान्य होगा। सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने घोषणा की कि यह साल किसानों के लिए सामान्य होगा।
रविवार को मकर सक्रांति के दिन दोपहर 12 बजे गढ़ पैलेस में 70 किलो वजनी दड़े की राजपरिवार के कार्तिकेय सिंह, वरिष्ठ नेता कुलदीप सिंह राजावत व सरपंच भारद्वाज ने पूजा की और प्रार्थना की कि दड़ा खुशहाली के प्रतीक दूनी दरवाजे में ही पोस्ट हो अखनिया दरवाजे में नहीं, ताकि देश में सुकाल हो। इसके बाद दडे को गढ़ के चौक में रख दिया गया, जहां शुरू हो गया धक्का-मुक्की और जोर आजमाइश का यह अजीबोगरीब खेल। इसमें कोई गिर रहा था, तो किसी की पगड़ी उछल रही थी तो किसी के कपड़े तार-तार हो रहे थे।
गढ़ के चौक में हो रहे इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए प्रदेशभर से लोग आए। जो गढ़ के चौक में दुकानों और मकानों की छतों पर जमा हो गए, जिनमें महिलाएं भी थी। करीब तीन घंटे तक दड़ा अखनियां और दूनी गोल पोस्ट के बीच आता-जाता रहा। खेल खत्म होते-होते वह दूनी दरवाजा गोल पोस्ट की तरफ़ बढ़ा तो सही लेकिन किसानों को मलाल रहा कि खेल का समय समाप्त होने के कारण गोल पोस्ट नहीं हो पाया। हालांकि अकाल के संकेत नहीं मिलने से किसानों को संतोष रहा। सरपंच भारद्वाज ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुड और तिल बांट कर किसानों का मुंह मीठा करवाया।