राजकीय सआदत अस्पताल टोंक के लिए वर्ष 2005 में तत्कालीन सांसद कैलाश मेघवाल ने अपने सांसद कोटे से एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराई थी, लेकिन वर्ष 2010 में चाकसू के नजदीक एक्सीडेंट में यह एम्बुलेंस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, जिसके बाद से ही यह सआदत अस्पताल टोंक में खड़ी है जिसका न तो अभी तक निस्तारण किया गया न ही उसको ठीक कराया गया। यह एंबुलेंस 99 हजार 395 किमी ही चल पाई थी।
जकिया ने दी थी दो एम्बुलेंस
सआदत अस्पताल टोंक के लिए तत्कालीन विधायक जकिया ने वर्ष 2011 में एम्बुलेंस के लिए विधायक कोटे से पांच लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। उस समय शहर की तंग गलियों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा विभाग ने दो वैन एम्बुलेंस की खरीद की थी। इसके बाद आज तक कोई भी नई एम्बुलेंस अस्पताल को नहीं मिली है।
चालक की नहीं है पोस्ट
टोंक सआदत अस्पताल में वर्तमान में एक भी अधिकृत एम्बुलेंस नहीं है। इतना ही नहीं सआदत अस्पताल टोंक में पूर्व में दो चालक के पद स्वीकृत थे, लेकिन वर्ष 2018 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकृत दोनों चालकों के पदों को भी खत्म कर दिए जाने से अब चालक का कोई पद नहीं है जबकि यह जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है।
डॉ खेमराज बंशीवाल, पीएमओ ,सआदत अस्पताल टोंक।