गौरव ने बताया कि अनुपयोग पटवार भवन घर के पास है। जहां सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता रोजाना पूरा कचरा, सड़ी-गली सब्जियां, पॉलीथिन यहां फेंकते है। जिससे दुर्गंध तो आती ही हैं, साथ ही मच्छर आदि भी होते है। आस-पास के सभी लोगों को कचरे की दुर्गन्ध से काफी परेशानी होती है। गौरव ने बताया कि इस जगह गौमाता जाकर पॉलीथीन कचरे को खाती है। जिससे अब तक दो-तीन गायों की मौत भी हो चुकी है। ग्राम पंचायत प्रशासन कई बार इसकी सफाई करवाता है लेकिन इसका स्थाई समाधान होनी चाहिए। गौरव जैन ने एक वीडियो के माध्यम से टोंक जिला कलेक्टर, पीपलू एसडीएम, पीपलू तहसीलदार से स्थाई समाधान करवाए जाने की मांग की है।
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सड़क मार्ग से है काफी नीचे: कस्बे के बसस्टैंड समीप पुराना पटवार अत्यधिक जर्जर होने के बाद हल्का पटवारी ग्राम पंचायत में बैठने लग गए। जिससे यह भवन अनुपयोगी हो गया। साथ ही सड़क मार्ग से काफी नीचा भी हैं। जहां भवन की चारदीवारी परिसर में कचरा डाला जा रहा है। कचरा जमा होने से आस-पास के लोग दुर्गंध से परेशान रहते हैं। साथ ही गौमाता यहां कचरे में से थैलियां आदि खाती है, जिससे उनको भी नुकसान पहुंचता है।
कस्बे के गौरव जैन ने अनुपयोगी पटवार भवन की सफाई को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है। समय-समय पर इसकी सफाई करवाई जाती है लेकिन खंडहर भवन होने से लोग रात के समय यहां कचरा फेंक देते हैं। इसको लेकर उपखंड प्रशासन को अवगत करवाया गया है। दिशा निर्देश अनुसार कचरा फेंकने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।-कविता सैनी, सरपंच, ग्राम पंचायत पीपलू
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जीर्ण-शीर्ण पटवार भवन परिसर में जमा कचरे की सोमवार को सफाई करवाई जाएगी। साथ ही राजस्व विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी, पटवारी आदि मिलकर चंदा एकत्रित करके इसकी दीवारें ऊंची करवाई जाएगी। जिससे कचरा डालने की स्थाई समस्या का समाधान हो सकेगा।-नेहा चौधरी, तहसीलदार, पीपलू
बेसहारा मवेशी पॉलीथिन खाते हैं। यह उनके पेट में जमा होती जाती है। 40 किलो से ज्यादा पॉलिथिन होते ही आफरा आता है। पॉलीथिन पेट के उस हिस्से में इकठ्ठा होती है। जहां पाचन क्रिया में सहायक रुमिनो एसिड बनता है। इससे फ्लूड बनना कम हो जाता है। उसकी भोजन पचाने की क्षमता कम हो जाती है।-डॉ. अनिल शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी पीपलू