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हवलदार पिता का बेटा है साऊथ का ये दिग्गज अभिनेता, अमिताभ से ज्यादा मिलती थी फीस

एक साधारण व्यक्ति से फिल्म इंडस्ट्री का सितारा बनने का सफर एक आम इंसान के लिए आसान नहीं होता है। लेकिन कुछ गिने चुने लोग ऐसे भी होते हैं जो सभी बाधाओं को दूर करके एक राह पकड़ते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचकर ही दम लेते हैं। आज हम ऐसे ही एक फिल्मी सितारे के जीवन के सफर को जानेगें।

Nov 17, 2021 / 01:28 pm

Satyam Singhai

how south actor chiranjeevi become superstar

हवलदार पिता का बेटा है साऊथ का ये दिग्गज अभिनेता, अमिताभ से ज्यादा मिलती थी फीस

हम बात कर रहें हैं तमिल सिनेमा के मेगास्टार माने जाने वाले सुपरस्टार चिरंजीवी की। 22 अगस्त, 1955 को आंध्र प्रदेश के मोगलथुर में जन्मे चिरंजीवी का असली नाम कोन्निडेला शिवशंकर वर प्रसाद है।

चिरंजीवी के पिता पुलिस हवलदार थे, इस वजह से उनका ट्रांसफर होता रहता था। यही कारण है कि चिरंजीवी का बचपन गांव में दादा-दादी के पास बीता। बचपन से ही उन्हें एक्टिंग का शौक था। कॉमर्स में ग्रैजुएशन करने के बाद वे (1976) में चेन्नई आ गए और यहां मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया।
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चिरंजीवी ने 1979 में आई फिल्म ‘पुनाधिरल्लु’ से करियर शुरू किया लेकिन उनकी पहली रिलीज फिल्म ‘प्रणाम खरीदु’ (1978) है। बतौर लीड एक्टर वो पहली बार 1982 में आई फिल्म ‘इंटलो रामय्या वीडिलो कृष्णय्या’ में नजर आए। ये फिल्म सुपरहिट रही।
इसके बाद उन्होंने ‘पसिवादी प्रणाम’ (1987), ‘यामूडीकी मोगुड़ू’ (1988), ‘मांची डोंगा’ (1988), ‘कोंडवेट्टी दोंगा’ (1990) सहित कई फिल्मों में काम किया। चिरंजीवी ने साउथ के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने ‘प्रतिबंध’ (1990), ‘आज का गुंडाराज’ (1990) में काम किया है। 2017 में आई ‘कैदी नंबर 150’ चिरंजीवी की 150वीं फिल्म है।
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1992 में आई चिरंजीवी की फिल्म ‘घराना मोगुदु’ साउथ की पहली ऐसी फिल्म है, जिसने 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की। फिल्म को के राघवेन्द्र राव ने डायरेक्ट किया था। फिल्म को 1993 के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में भी दिखाया गया था। बाद में ‘लाडला’ नाम से इस फिल्म का हिंदी रीमेक भी बनाया गया था।
‘घराना मोगुदु’ की कामयाबी के चलते ही चिरंजीवी को उनकी अगली फिल्म ‘आपदबंधावुडु’ (1993) के लिए उस दौर में 1.25 करोड़ रुपए फीस मिली थी। जबकि उस दौर के बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को भी बतौर फीस 1 करोड़ रुपए ही मिलते थे।
सामान्य तौर पर किसी भी एक्टर की फिल्म सिनेमाहॉल में 20 से 25 दिन तक लगी रहती है। लेकिन चिरंजीवी ऐसे पहले साउथ स्टार हैं, जिनकी फिल्म ‘घराना मोगुदु’ 100 दिन से भी ज्यादा वक्त तक हैदराबाद के थिएटर में लगी रही। वैसे, 150 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके चिरंजीवी की करीब 32 फिल्में ऐसी हैं, जो हैदराबाद के थिएटरों में 100 से ज्यादा दिनों तक चलीं।

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