पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से सेहत को कई फायदे हो सकते हैं। 1 – शरीर में ऊर्जा बनी रहना
बता दें कि पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिसके कारण उनके शरीर में थकान और सुस्ती आ सकती है। ध्यान दें कि एरोबिक एक्सरसाइज के अंदर तेज चलना और दौड़ना भी शामिल है। इस आधार पर देखा जाए तो पीरियड में रनिंग करने से एक्टिव रहने में मदद मिल सकती है।
पीरियड्स के दौरान रनिंग करने से न केवल मूड को बेहतर किया जा सकता है बल्कि इससे तनाव को भी दूर किया जा सकता है। बता दें कि इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है जिससे यह साबित होता है शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क एंडॉर्फिन के तंत्र पर प्रभाव डाल सकती है। यही कारण होता है कि महिलाओं को अपना मूड अच्छा महसूस होता है और उनके अंदर एनर्जी भी बनी रहती है।
पेल्विक दर्द से राहत पाने में रनिंग आपके बेहद काम आ सकती है। पीरियड्स के दौरान अकसर महिलाओं को पेल्विक दर्द का सामना करना पड़ता है ऐसे में इस दर्द को दूर करने में एरोबिक एक्सरसाइड बेहद उपयोगी है। एरोबिक एक्सरसाइज के अंदर रनिंग शामिल है। इस पर एक शोध भी सामने आया है जिससे साबित होता है कि एरोबिक एक्सरसाइज न केवल पेल्विक दर्द के जोखिम को कम करने में मददगार है बल्कि इससे पेट की ऐंठन भी दूर हो सकती है।
पीरियड में यदि रनिंग की जाए तो पीएमएस के लक्षणों से भी राहत मिल सकती है। इसके लक्षणों में मूड स्विंग, फूड क्रेविंग, थकान आदि शामिल हैं। इससे संबंधित एक रिसर्च भी हुई है जिससे ये पता चलता है कि रनिंग करने से महिलाओं में मासिक धर्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है। मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज एक अच्छा विकल्प है।
पीरियड्स के दौरान यदि महिलाएं रनिंग कर रही हैं तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। ये सावधानियां निम्न प्रकार हैं 1 – यदि पीरियड्स के दौरान दर्द ज्यादा हो रहा है तो उस वक्त रनिंग ना करें वरना समस्या बढ़ सकती है।