उमाभारती ने कहा कि एक महीने पहले मेरे संज्ञान में यह शराब दुकान लाई गई थी। जहां श्रीरामराजा सरकार के दो रास्ते निकलते है, वहां पर एक दुकान खुल गई है। यह गलत जगह खुली है। इसका मतलब यह कि भगवान श्रीराम राजा सरकार के पहले शराब से आचमन कर लीजिए फिर लौट करके उसका पान करके जाइए।
सोमवार को आने के पहले मैंने फोन किया। मैं ओरछा आ ही हूं, वह दुकान मुझे बंद मिले। मैं आई तो वह खुली देखी, वहीं पर गोबर पड़ा था मैंने उठा कर गोबर छिड़क दिया। मैंने प्रशासन को कहा कि यह चौकाने वाली जानकारी आई कि यह दुकान यहां के लिए स्वीकृत ही नहीं है। वह शराब दुकान कोई नकटा गांव के लिए स्वीकृत है और यहां संचालित है। पुलिस के कर्मचारी से कहा कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि यह दुकान नहीं खुले। उनका कहना था कि ओरछा और अयोध्या भगवान राम की दो ही पावन नगरियां है। पहले मैं अपना अपप्रिवाद कबूल करती हूं और भगवान राम राजा से क्षमा याचना करती हूं।