लंबे समय से क्षेत्र में बिना मान्यता एवं पंजीयन के स्कूल संचालित होने की शिकायतें सामने आ रही थी। ऐसे में बुधवार को पत्रिका ने इसकी सच्चाई पता करने लिधौरा नगर के वार्ड नंबर 2 में एक स्कूल का ङ्क्षस्टग किया। इसमें सामने आया है कि यह स्कूल पिछले दो सालों से बिना मान्यता के संचालित हो रहा है। इस स्कूल की हकीकत किसी को पता नहीं है और अभिभावक अपने बच्चों को यहां भेज रहे हैं। पत्रिका जब स्कूल में पहुंची तो भवन के बाहर स्कूल का नाम लिखा हुआ है और अंदर लगभग 30 बच्चे पढ़ रहे थे। एक शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही है। हद तो यह है कि इस स्कूल के बारे में विभाग को भी जानकारी नहीं है। संचालक पहले तो इसे कोङ्क्षचग बताते रहे, बाद में सेवा करने की बात करने लगा।
विभाग की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल बिना मान्यता के संचालित स्कूल को लेकर लोग शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए इतना अमला है, लेकिन खुलेआम चल रहे ऐसे स्कूलों की किसी को जानकारी नहीं है। लोग इसे विभाग की गंभीर लापरवाही बता रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी संचालक महेंद्र कुशवाहा से बातचीत के अंश क्त आप यह स्कूल चला रहे हैं, इसका रजिस्ट्रेशन है क्या? ्र हम स्कूल नहीं चला रहे हैं, यह कोङ्क्षचग संस्थान है।
क्त (बच्चों से): आप यहां कोङ्क्षचग पढऩे आते हैं या स्कूल में पढऩे आते हैं? ्र (बच्चों द्वारा): हम स्कूल आते हैं। क्त बच्चे कह रहे हैं कि वह स्कूल आते हैं, आप कोङ्क्षचग बता रहे हैं?
्र हमने रजिस्ट्रेशन के लिए फाइल दी थी, वह निरस्त कर दी गई है। क्त फिर इन बच्चों के भविष्य का क्या होगा? ्र हमने एडमीशन नहीं किए हैं। हम तो केवल पढ़ा रहे हैं।
क्त फिर इन बच्चों को क्या होगा? ्र हम आपको जानते हैं आप भी मेरे बारे में किसी से पूछ सकते हैं। हम आपकी सेवा कर देंगे। &मैं आज ही इस स्कूल की जानकारी करता हूं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बिना मान्यता के संचालित पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।- महिपाल ङ्क्षसह, बीआरसी, जतारा।