मंदिर में विवाह महोत्सव का आयोजन कराने वाले आचार्य वीरेन्द्र बिदुआ ने बताया, विवाह के पूर्व दुल्हा सरकार की हल्दी तेल की रस्म होगी। 26 नवंबर को गणेश पूजन के साथ विवाह महोत्सव का आयोजन शुरू हो जाएगा। 27 नवंबर को मंडप सजाया जाएगा।
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हलवाई संजय जैन ने बताया कि 55 से 70 हजार श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद बनाया जा रहा है। भंडारे में श्रद्धालुओं के लिए दो सब्जी, पूड़ी, रायता, बूंदी, सलाद एवं पापड़ बनाया जाएगा। यह प्रसाद तैयार होने के बाद मंदिर भेजा जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में भगवान के लिए कच्चा भोजन अलग से बनाया जाएगा। दोनों प्रसाद भगवान को अर्पित करने के बाद पहले मंदिर में पुजारियों, अतिथियों की पंगत होगी। दोपहर 3 बजे से आम श्रद्धालुओं के लिए पंगत शुरू की जाएगी।
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यह है मान्यता
मान्यता है, यदि किसी के विवाह आदि में अड़चन आ रही हो और वह एक बार भगवान के विवाह की हल्दी की रस्म में शामिल होता है तो यह हल्दी उसे लग जाती है। अड़चन दूर हो जाती है।