विभाग से मिली जानकारी अनुसार ७११ महिलाओं ने प्रदेश के महत्वकांक्षी योजना का परित्याग कर दिया है। वह अब इस योजना का लाभ नहीं लेंगी। इस में नौकरी लगने वाली, व्यवसाय करने वाली और जरुरत न होने वाली महिलाएं है। ७८ महिलाओं की समग्र आईडी हट गई और ३४६ महिलाओं की डीबीटी नहीं हो पाई है।
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आधार बनाने के लिए कैंप लगाए थे। आधार के फ ॉर्म में जन्म तिथि अनिवार्य थी, लेकिन जब ऑनलाइन आवेदन किया गया तो ऑपरेटर ने जन्म तिथि की एक तारीख लिख दी। २६१४ महिलाएं 60 साल की हो गई। 60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को वृद्धा पेंशन का लाभ मिलता है, जिसके चलते लाड़ली से बाहर हो जाती है।
७११ महिलाओं ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोडऩा बताया है।
बतायाग या कि लाडली बहना योजना में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वर्ष २०२३ में २ लाख १४ हजार २५९ आवेदन पंजीयन हुए थे। उनमें से २०८२८७ पात्र हुए थे। जनवरी में २०८२६२ को २० वीं लाड़ली बहना की १२५० रुपए की किश्त भेजी गई है।
योजना का परित्याग करने के लिए राज्य स्तर से लिंक आई थी, उसी के आधार पर योजना में लाड़ली बहना का परित्याग किया गया है। आधार कार्ड की जन्मतिथि अनुसार ऑटोमेटिक नाम हटा जाते है। पात्र महिलाओं को जो भी समस्याएं आ रही है। उनका समाधान किया जाएगा।
ऋतुजा चौहान, महिला बाल विकास अधिकारी टीकमगढ़।