अंडे और मांस बेचने पर रोकः दुनिया के इस इकलौते शाकाहारी शहर में अंडा या मांस बेचने पर भी रोक है। इस शहर की एक और खासियत यह है कि यहां एक पर्वत पर 900 से अधिक मंदिर हैं। इसमें जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभदेव का भी मंदिर है। इसके अलावा यहां कुमारपाल, विमलशाह, संप्रतिराजा आदि के मंदिर हैं।
इनकी नक्काशी और मूर्तिकला दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पलिताना जैन धर्म मानने वालों के सबसे सम्मानित और शुद्ध गंतव्य स्थानों में से एक है। यह जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थों में से एक है, जहां जीवन में एक बार जैन समुदाय का व्यक्ति जरूर जाना चाहता है।
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शत्रुंजय पहाड़ी (jain pilgrimage): ये नौ सौ मंदिर शत्रुंजय पहाड़ी पर स्थित हैं, जिस पर श्रद्धालुओं को पहुंचने के लिए 3950 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। सफेद संगमरमर से बनाए गए ये मंदिर 3.5 किलोमीटर के एरिया में फैले हुए हैं। यहां का सबसे पुराना मंदिर 11 वीं या 12 वीं सदी में बनाया गया हैं। पहले फेज में मंदिरों के ढांचे बनाए गए हैं, दूसरे चरण में 16वीं सदी में इसकी साज सज्जा की गई। 16 बार इन मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया गया।
2014 में बना कानूनः यहां 250 कसाई खानों के विरोध में 200 जैन साधु हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद सरकार को झुकना पड़ा। इस शहर को मीट फ्री जोन घोषित कर दिया। इसके लिए 2014 में यहां कानून बनाया गया। यहां डेयरी प्रोडक्ट उपलब्ध रहते हैं।
रात में यहां रूकने की इजाजत नहीं: जैन मान्यता के अनुसार पहाड़ों पर इन मंदिरों का निर्माण ईश्वर के निवास के रूप में कराया गया था। ऐसी जगह जहां भगवान रात में निवास करते हैं। इसलिए यहां रात में किसी को भी रूकने की अनुमति नहीं होती।