जिसके चलते नीति घाटी में नदी नाले सब कुछ पहले ही जम चुके हैं और यहां रहने वाले लोग शीतकालीन प्रवास में नीति घाटी को खाली कर निचली जगह पर आ चुके हैं, लेकिन कड़कड़ाती सर्दी के बीच यहां स्थित भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर टिम्बर सैण महादेव एक बार फिर इस वर्ष बाबा बर्फानी का रूप ले चुके हैं और इस बार यहां बाबा बर्फानी के दर्शनों को लोग भी पहुंचने शुरू हो चुके हैं।
टिम्मरसैंण की पहाड़ी पर स्थित है गुफा
जोशीमठ-नीती हाइवे पर नीती गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है। इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है। इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ का एक शिवलिंग आकार लेता है। अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग की तरह इस शिवलिंग की ऊंचाई ढाई से तीन फीट के बीच होती है। स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा के नाम से जानते हैं।
वर्तमान में यहां गुफा के अंदर बढ़ती ठंड के चलते भगवान शिव का शिवलिंग बर्फ की जटाओं में कहीं बर्फ के नीचे दब चुके हैं। वहीं अब यहां बाबा बर्फानी का अवतार देखने को मिल रहा है। यहां हर वर्ष दिसंबर से अप्रैल तक भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होते हैं, वहीं इस वर्ष भी बाबा बर्फानी बढ़ती ठंड के चलते विराजमान हो चुके हैं। इसके साथ ही गुफा के चारों तरफ भोलेनाथ की जटा ने बर्फ के आकार में बिखर चुकी है और लोग यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
कड़ाके की ठंड : जम गया सबकुछ
यहां ठंड इतने कड़ाके की पड़ रही है कि पानी तक जम चुका है। यानि झरने, नदी ,नाले सब जम चुके हैं, ऐसे में जहां भी नजर घुमाओ तो वहां केवल बर्फ के रुप में जमा हुआ पानी ही नजर आ रहा है। कड़ाके की ठंड में लोग परेशान हैं, हालांकि कुछ समय पहले तक बर्फबारी नहीं थी, लेकिन उसके बाद भी पहाड़ों में जबरदस्त ठंड पड़ रही है।
बर्फ का आकार में टिम्बर सैन महादेव
नीति घाटी में चारों तरफ जमा हुआ पानी और पाला नजर आ रहा है। ऐसे में जहां भी नजर घुमाओ वहां केवल पाला ही पाला दिखाई दे रहा है। नीति घाटी में स्थित भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर टिम्बर सैन महादेव के अब बर्फ का आकार ले लेने के साथ ही यहां बर्फ की मोटी-मोटी चादर सी बिछ गई है। यहां तक की भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर टपकने वाला पानी भी बर्फ का रूप ले चुका है। अभी कुछ समय पहले तक पहाड़ों में बर्फबारी ना होने के बाद भी सैलानी भारी मात्रा में पहुंच रहे थे, जहां भी सैलानियों को बर्फ दिखाई दे रही थी, वे वहीं पहुंचकर मौज मस्ती करते हुए देखे जा रहे थे। कुल मिलाकर यहां गुफा के अंदर बढ़ती ठंड के चलते भोलेनाथ का शिवलिंग बर्फ की जटाओं में बर्फ के नीचे दब चुके हैं।