आज की तारीख में कोई भी शख्स अपनों को लेटर नहीं लिखता है। एक समय था कि लेटर लिखकर ही एक दूसरे का हालचाल जाना जाता था लेकिन इंटरनेट, ई-मेल और फोन के जमाने में अब लेटर कौन लिखता है। राजस्थान में भगवान गणेश का एक ऐसा मंदिर ( ganesh temple ) है जहां, चिठ्ठियों और निमंत्रण पत्र का ढेर लगा रहता है। श्रद्धालु भगवान गणेश को पत्र लिखकर ही अपनी ‘मन की बात’ बताते हैं और भगवान गणेश ( Lord Ganesh ) उनकी समस्याओं का निवारण करते हैं।
कहां है मंदिर भगवान गणेश का यह मंदिर सवाई माधौपुर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर रणथंभौर के किले में है। इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने करवाया था। विश्व ऐतिहासिक विरासत में शामिल रणथंभोर दुर्ग में भगवान गणेश का Trinetra Ganesh Temple स्थित है। गणेश जी का यह मंदिर कई मामलों में अनूठा है। घर में शुभ काम हो तो प्रथम निमंत्रण यहीं भेजा जाता है।
पर्यटकों के बीच भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र इस मंदिर में जाने के लिए लगभग 1579 फीट ऊंचाई पर भगवान गणेश के दर्शन हेतु जाना पड़ता है। यह मंदिर विदेशी पर्यटकों के बीच भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। ऐतिहासिक व प्राचीन काल का होने के कारण इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। आस्था और चमत्कार की ढेरों कहानियां खुद में समेटे यह मन्दिर प्रकृति एवं प्राचीनता का भी अद्भुत संगम है।
अरावली और विन्ध्याचल पहाड़ियों के मनोरम परिवेश एवं प्रकृति की गोद में बने इस मन्दिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को रणथंभौर दुर्ग के भीतर कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद त्रिनेत्र गणेशजी के दर्शन होते हैं। श्रद्धालु अपनी थकान त्रिनेत्र गणेश जी की मात्र एक झलक पाकर ही भूल जाते हैं।
हर मन्नत को पूरी करते हैं भगवान त्रिनेत्र गणेश गणेश चतुर्थी के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन करने आते हैं और अपने मन की बात बताते हैं, जिन्हें भगवान त्रिनेत्र गणेश पूरी करते हैं। कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्ची आस्था और भक्ति के साथ आता है, उसकी हर मनोकामना भगवान गणेश पूरी करते हैं।