scriptयहां एक रात में किया था पांडवों ने भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण ! | An Ancient shiv temple named AMBARNATH TEMPLE | Patrika News
मंदिर

यहां एक रात में किया था पांडवों ने भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण !

इस मंदिर जैसा पूरे विश्व में कोई मंदिर नहीं…

Jan 14, 2021 / 02:29 pm

दीपेश तिवारी

An Ancient shiv temple named AMBARNATH TEMPLE

An Ancient shiv temple named AMBARNATH TEMPLE

यूं तो आपने देश में कई मन्दिरों के बारे में न केवल सुना होगा बल्कि उन्हें देखा भी होगा। इनमें से कई मंदिर चमत्कारी हैं तो कई का निर्माण अत्यंत प्राचीन है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जिसे पांडवकालीन मंदिर बताया जाता है। वो भी ऐसे मंदिर जिसका निर्माण विशाल पत्थरों से एक ही रात में किया गया था।

दरअसल अंबरनाथ नामक ये मंदिर महाराष्ट्र में मुंबई के पास अंबरनाथ शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे अंबरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

मंदिर में मिले शिलालेख के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 1060 ईं में राजा मांबाणि ने करवाया था। इस मंदिर को पांडवकालीन मंदिर भी बताया जाता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर जैसा पूरे विश्व में कोई मंदिर नहीं है। अंबरनाथ शिव मंदिर के पास कई ऐसे नैसर्गिक चमत्कार हैं, जिससे इसकी मान्यता बढ़ती जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें-

: अंबरनाथ शिव मंदिर अद्वितीय स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। 11वीं शताब्दी में बने इस मंदिर के बाहर दो नंदी बैल बने हुए हैं। मंदिर के प्रवेश के लिए तीन मुखमंडप हैं।
अंदर जाते हुए सभामंडप तक पहुंचते हैं और फिर सभामंडप के बाद 9 सीढ़ियों के नीचे गर्भगृह स्थित है। मंदिर की मुख्य शिवलिंग त्रैमस्ति की है और इनके घुटने पर एक नारी है, जो शिव.पार्वती के रूप को दर्शाती है। शीर्ष भाग पर शिव नृत्य मुद्रा में दिखाई देते हैं।

: मंदिर के गर्भगृह के पास गर्म पानी का कुंड भी है। इसके पास ही एक गुफा भी है, जो बताया जाता है कि उसका रास्ता पंचवटी तक जाता है। यूनेस्को ने अंबरनाथ शिव मंदिर सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है। वलधान नदी के तट पर स्थित यह मंदिर आम और इमली के पेड़ से घिरा हुआ है।

: मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है, जिससे यहां देश-विदेश से कई लोग आते हैं। मंदिर की बाहर की दिवारों पर भगवान शिव के अनेक रूप बने हुए हैं। इसके साथ ही गणेशए कार्तिकेयए चंडिका आदि देवी.देवताओं की मूर्तियां से सजा हुआ है। साथ ही देवी दुर्गा की असुरों का नाश करते हुए भी दिखाया गया है।

: मंदिर के अंदर और बाहर कम से कम ब्रह्मदेव की 8 मुर्तियां बनी हुई हैं। साथ ही इस जगह के आसपास कई जगह प्राचीन काल की ब्रह्मदेव की मुर्तियां हैंए जिससे पता चलता है कि यहां पहले ब्रह्मदेव की उपासना होती थी। शिवरात्रि के अवसर पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला 3.4 दिनों तक लगाया जाता हैए तब यहां काफी भीड़ देखी जा सकती है।
ऐसे बनाया था ये मंदिर…
बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कुछ वर्ष अंबरनाथ में बिताए थे, तब उन्होंने विशाल पत्थरों से एक ही रात में इस मंदिर का निर्माण किया था। फिर कौरवों द्वारा लगातार पीछे किए जाने के भय से यह स्थान छोड़कर चले गए। जिससे मंदिर का कार्य पूरा नहीं हो सका। सालों से मौसम की मार झेल रहा यह मंदिर आज भी खड़ा है।

अनोखा शिवलिंग

अंबरेश्वर मंदिर के बाहर एक नहीं दो नंदी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। साथ ही मंदिर में प्रवेश के लिए तीन मुखमंडप हैं। सभामंडप पहुंचने के बाद एक और सभामंडप है और इसके बाद 9 सीढ़ियां नीचे उतर कर गर्भगृह तक पहुंचा जा सकता है। सबसे अद्भुत और अलग यहां का शिवलिंग है। मंदिर की मुख्य शिवलिंग त्रैमस्ति की है और शिवलिंग के घुटने पर देवी पार्वती स्थापित हैं। शीर्ष भाग पर शिवजी नृत्य मुद्रा में नजर आते हैं।
मंदिर के गर्भगृह के पास ही एक कुंड है, जिसमें गर्म पानी निकलता है। यही एक गुफा भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके अंदर से रास्ता पंचवटी तक जाता है। बता दें कि अंबरनाथ मंदिर को यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत भी घोषित किया है। वलधान नदी के तट पर स्थित यह मंदिर आम और इमली के कई पेड़ों से घिरा हुआ है और यहां आने पर कुछ अलग सा ही महसूस होता है ।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Temples / यहां एक रात में किया था पांडवों ने भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण !

ट्रेंडिंग वीडियो