भगवान ने पूछा मां यह जय-जय क्या होती है? मां ने कहा बेटा जाओ बाबा से पूछ लो भगवान नंद बाबा के पास गए बोले बाबा यह जय जय क्या होती है? नंद बाबा ने कहा लाला हम इंद्र की पूजा करते हैं। जिससे खुश होकर भगवान इंद्र बारिश करते हैं हमारी फसलें अच्छी होती हैं। कृष्ण ने कहा बाबा कर्म पर विश्वास रखना चाहिए अगर हम इंद्र की पूजा नहीं करेंगे तो क्या बारिश नहीं होगी? नंद बाबा ने कहा इंद्र नाराज हो जाएगें।
भगवान ने कहा अगर आधे लोग पूजा करें और आधे ना करें तो क्या इंद्र आधे लोगों के खेत में बारिश करेगा आधे में नहीं बाबा कर्म से सुख और दुख मिलता है। हम जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है। भगवान इंद्र की पूजा रुकवा दी और गोवर्धन बाबा की पूजा करा दी। इंद्र की पूजा रुकवा के भगवान ने प्रकृति की पूजा का नियम बनाया हमारे ऋषि-मुनियों ने वृक्ष पूजा का महत्व दिया है।
पीपल, आम, नीम, बरगद इत्यादि वृक्षों की पूजा आज भी होती है। इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है शुद्ध हवा मिलती है बारिश ठीक से होती है। इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए जीवन में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाएं हरे भरे पेड़ों को न काटें। कथा में श्रद्धालुओं ने नंदलाल के जयकारे लगाए।