इसके निर्माण के बाद हाईस्पीड ट्रेन चलेगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी। रेलवे ट्रैक पर सेंसर लगाए जाएंगे जो किसी भी खामी को पहले ही सूचित कर देंगे। भूकंप और साइकलोन को भी ध्यान रखकर प्रोजेक्ट में पीयर्स के नीचे और फाउंडेशन के बीच सिजलिंग स्टॉपर का उपयोग किया जा रहा है, जो शॉक एब्जॉर्व कर लेगा। अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके या 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा, तूफान का भी कोई असर नहीं होगा। जापान की बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी से बन रहे हाईस्पीड सूरत रेलवे स्टेशन की पहली मंजिल पर कान्कोर्स होगा। दूसरी मंजिल पर प्लेटफार्म का निर्माण किया जाएगा। प्लेटफार्म की चौड़ाई 11 मीटर और लंबाई 450 मीटर रहेगी। फाउंडेशन और एफएफएल कार्य नवंबर तक, कान्कोर्स और फ्लोर अप्रेल 2023, प्लेटफार्म फ्लोर सितंबर 2023 और दूसरे शेष कार्य अप्रेल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।