scriptBullet Train : ‘सिजलिंग स्टॉपर’ के इस्तेमाल से बुलेट ट्रेन पर भूकंप और साइकलोन का नहीं होगा असर | Use of 'sizzling stopper' will not affect the bullet train due to eart | Patrika News
सूरत

Bullet Train : ‘सिजलिंग स्टॉपर’ के इस्तेमाल से बुलेट ट्रेन पर भूकंप और साइकलोन का नहीं होगा असर

– सूरत हाईस्पीड रेलवे स्टेशन 48,000 स्क्वायर मीटर में 20,000 वर्कर कर रहे निर्माण कार्य
– अप्रेल 2024 तक स्टेशन तैयार होने की डेडलाइन निर्धारित

सूरतJun 07, 2022 / 09:26 pm

Sanjeev Kumar Singh

Bullet Train : ‘सिजलिंग स्टॉपर’ के इस्तेमाल से बुलेट ट्रेन पर भूकंप और साइकलोन का नहीं होगा असर

Bullet Train : ‘सिजलिंग स्टॉपर’ के इस्तेमाल से बुलेट ट्रेन पर भूकंप और साइकलोन का नहीं होगा असर

सूरत.

देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) चलाने की तैयारियां जोरशोर से हो रही हैं। बुलेट ट्रेन के ट्रैक के बाद अब स्टेशन पर भी काम शुरू हो गया है। बुलेट ट्रेन रूट पर सूरत पहला स्टेशन है जो जापान की उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ तैयार हो रहा है। भूकंप और साइकलोन के खतरे से निपटने के लिए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में सिजलिंग स्टॉपर का इस्तेमाल किया गया है। इससे भूकंप और 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान का भी कोई असर नहीं होगा।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद रूट पर स्थित चार स्टेशनों वापी, बिलीमोरा, सूरत और भरुच पर काम चल रहा है। इसमें बुलेट ट्रेन रूट पर सूरत पहला स्टेशन है, जहां सबसे पहले अप्रेल 2024 तक काम पूरा कर लिया जाएगा। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को निर्माणाधीन स्टेशन साइट का दौरा कर काम तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सूत्रों ने बताया कि सूरत का बुलेट ट्रेन स्टेशन 2024 तक रनिंग कंडीशन में आ जाएगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है। 48,000 स्क्वॉयर मीटर में करीब 20,000 से अधिक वर्कर निर्माण कार्य में जुटे हैं। बुलेट ट्रेन का स्टेशन आम स्टेशनों से अलग होगा।

इसके निर्माण के बाद हाईस्पीड ट्रेन चलेगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी। रेलवे ट्रैक पर सेंसर लगाए जाएंगे जो किसी भी खामी को पहले ही सूचित कर देंगे। भूकंप और साइकलोन को भी ध्यान रखकर प्रोजेक्ट में पीयर्स के नीचे और फाउंडेशन के बीच सिजलिंग स्टॉपर का उपयोग किया जा रहा है, जो शॉक एब्जॉर्व कर लेगा। अधिक तीव्रता वाले भूकंप के झटके या 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा, तूफान का भी कोई असर नहीं होगा। जापान की बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी से बन रहे हाईस्पीड सूरत रेलवे स्टेशन की पहली मंजिल पर कान्कोर्स होगा। दूसरी मंजिल पर प्लेटफार्म का निर्माण किया जाएगा। प्लेटफार्म की चौड़ाई 11 मीटर और लंबाई 450 मीटर रहेगी। फाउंडेशन और एफएफएल कार्य नवंबर तक, कान्कोर्स और फ्लोर अप्रेल 2023, प्लेटफार्म फ्लोर सितंबर 2023 और दूसरे शेष कार्य अप्रेल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

Hindi News / Surat / Bullet Train : ‘सिजलिंग स्टॉपर’ के इस्तेमाल से बुलेट ट्रेन पर भूकंप और साइकलोन का नहीं होगा असर

ट्रेंडिंग वीडियो