जानकारी के अनुसार हिस्ट्रीशीटर शफी शेख पर वेडरोड पर सरदार स्मारक अस्पताल के निकट उसकी दुकान के बाहर हमला हुआ। सुबह 8 बजकर 58 मिनट पर वह दुकान के बाहर एक मोटरसाइकिल सवार से बात कर रहा था। उसी समय एक युवक उसकी तरफ बढ़ा और अपनी गन से उस पर दो राउंड फायरिंग कर दी। हमलावर को देखकर सतर्क हुए शफी ने सामने पड़ी कुर्सी उठा कर खुद को बचाने का प्रयास किया।
एक गोली तो निशान चूक गई लेकिन दूसरी उसके पेट में लगी। फायरिंग के बाद हमलावर और कुछ दूर खड़ा उसका साथी बाइक पर सवार होकर मौके से भाग निकले। खबर मिलते ही आला अधिकारियों के साथ पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अलग-अलग टीमें बनाकर छानबीन शुरू की है।
सूर्या मराठी की हत्या के मामले में जमानत पर छूटा था शफी शेख पूर्व में कुख्यात सूर्या मराठी के गिरोह में शामिल था। बाद में सूर्या की गैंग के अन्य गुर्गों के साथ उसने सूर्या के पुराने साथी व विरोधी हार्दिक से हाथ मिला लिया था। 2020 में साजिश के तहत उन्होंने वेडरोड पर सूर्या मराठी की उसके कार्यालय में ही हत्या कर दी थी। सूर्या के पलटवार में हार्दिक भी मारा गया था। इस मामले की जांच में साजिश का खुलासा होने पर पुलिस ने शफी को भी सूर्या की हत्या के मामले मे नामजद किया था। गिरफ्तारी के बाद से वह लाजपोर जेल में बंद था। कुछ समय पूर्व ही जमानत मिलने पर वह जेल से रिहा हुआ था।
चार हमलावर थे, तीन को हिरासत में लिया मामले की जांच कर रहे पुलिस एमबी आसुरा ने बताया कि प्राथमिक पड़ताल में पता चला है कि हमलावर चार या उससे भी अधिक हो सकते हैं। हमले से पहले हमलावर दो मोटरसाइकिलों पर शफी की दुकान के आगे से निकले। फिर एक मोटरसाइकिल पर सवार हमलावर उसकी तरफ आया और फायरिंग की। हमलावर के सूर्या मराठी गैंग से जुड़े उसके साथी होने की आशंका जताई है। पुलिस टीम ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है उनसे पूछताछ चल रही है। हालांकि अभी तक मुख्य हमलावर नहीं मिल पाया है।
सुबह हुई घटना की शाम तक एफआईआर नहीं सुबह हुई इस घटना को लेकर शाम तक चौकबाजार पुलिस ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी। पुलिस का कहना था कि गोली शफी के पेट को छूते हुए निकल गई। उसे कोई जानलेवा चोट नहीं लगी है, लेकिन अस्पताल में टेस्ट आदि की प्रक्रिया के कारण उससे पूछताछ नहीं हो पाई है। प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
एक दशक तक सूर्या मराठी का था दबदबा महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र का मूल निवासी सुरेश उर्फ सूर्या मराठी 2002 में सूरत आया था। शुरू में उसने ऑटो रिक्शा चलाया। फिर बेकरीवालों की आपसी रंजिश में शामिल होकर उसने अपराध जगत में कदम रखा और दूसरे गिरोहों से संपर्क बनाए। माफिया मनु बरैया की हत्या कर उसने अपना दबदबा बना लिया। बड़ी गैैंग बना कर उसनेे तमाम तरह के अवैध धंधे शुरू कर दिए। अन्य छोटे गैंगों के साथ झड़पों के बीच करीब एक दशक तक उसने अपना दबदबा बनाए रखा। 2020 में उसी के पुराने साथी हार्दिक ने अन्य साथियों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
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