रांदेर के प्रभाततारा स्कूल ने भी बोर्ड की मान्यता नहीं होने के बावजूद विद्यार्थियों को अंधेरे में रख कर 9वीं और 11वीं में प्रवेश दे दिया था। गुजरात बोर्ड के परीक्षा फॉर्म स्वीकार नहीं होने पर विद्यार्थियों और अभिभावकों को स्कूल की धोखाधड़ी का पता चला। 12वीं के 12 और 10वीं के 30 से अधिक विद्यार्थी इस धोखे के कारण मार्च 2019 में बोर्ड की परीक्षा नहीं दे पाए थे।