पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने बताया कि यह प्रोग्राम सुरक्षा सेतु सोसायटी के तहत चलाया जाएगा। पुलिस प्रयास करेगी कि अधिक से अधिक लोग अपराध की दुनिया छोड़कर दोबारा सामाजिक धारा में लौटें और आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकें। इसके लिए पुलिस उनकी काउंसलिंग करेगी, जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि अपराध की दुनिया समाज के लिए कितनी नुकसानदेह है। काउंसलिंग के बाद यदि कोई व्यक्ति अपराध की दुनिया छोड़कर नौकरी या व्यवसाय करना चाहता है तो इसके लिए पुलिस की ओर से मदद की जाएगी। यदि व्यक्ति पढ़ा-लिखा है तो उसे उसकी शिक्षा के अनुसार नौकरी दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि कई बार परिवार के इकलौते पुत्र या घर चलाने वाले सदस्य की हत्या से परिवार का सहारा छिन जाता है। पुलिस ऐसे परिवार की मदद के लिए भी हरसंभव प्रयास करेगी। पुलिस उनकी हालत के बारे में जानकारी हासिल करेगी। परिवार के बच्चों की पढ़ाई में आ रही परेशानियां को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। यदि परिवार का कोई सदस्य नौकरी करना चाहता है तो उसे नौकरी दिलाने में भी पुलिस सहयोग करेगी।
बाल अपराधियों को पढ़ाई के लिए मिलेगा सहयोग
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सूरत में पिछले कुछ समय से बाल अपराधियों की संख्या बढ़ रही है। तीन साल में 1000 से अधिक बाल अपराधी दर्ज हुए हैं। इन बच्चों की भी काउंसलिंग की जाएगी। बच्चे पढऩा चाहते हैं या नौकरी कर परिवार की मदद करना चाहते हैं तो दोनों मामलों में पुलिस उनकी मदद करेगी।