साढ़े चार साल पहले राज्य सरकार की ओर से नई कोर्ट बिल्डिंग के निर्माण के लिए जियाव – बुडिया में 50 हजार वर्ग मीटर जगह आवंटित की गई थी। सरकार का उद्देश्य एक ही जगह पर जिला एवं सत्र न्यायालय के साथ ही फैमिली और ग्राहक कोर्ट एक ही जगह पर लाना के है। जब यह जगह आवंटित की गई थी तब भी वकीलों ने इस निर्णय का विरोध किया था। हालांकि उसके बाद कोरोना महामारी के कारण मामला शांत हो गया था। अब फिर से एक बार जमीन को लेकर वकीलों में विरोध के सुर जोर पकड़ने लगे हैं। वकीलों का कहना है कि जियाव – बुडिया में जो जमीन आवंटित की गई है वहां प्रदूषण की बड़ी समस्या है। आसपास में जीआइडीसी समेत औद्योगिक क्षेत्र के कारण प्रदूषण फैलते रहता है। प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के साथ गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष भी यह मुद्दा रखा गया था, लेकिन अब तक जमीन को बदलने को लेकर सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं किया गया है तो वकील अब लड़ लेने के मूड़ में हैं। गुरुवार को आयोजित काउंसिल की बैठक में भी जियाव – बुडिया की जमीन को लेकर विरोध जताया गया। वहीं, इस और यदि सरकार की ओर से जल्द निर्णय नहीं किया गया तो हड़ताल पर जाने पर भी विचार किया गया।