सात वर्ष पहले सैलेरी आपकी, ऑर्डर हमारा
कपड़ा बाजार की यातायात समस्या व अन्य समस्या को दूर करने के लिए सात वर्ष पहले फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने आगे बढ़कर पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र में निरीक्षण का न्योता दिया था। इसके बाद तत्कालीन डीसीपी वीएम पारघी व केएन डामोर, एसीपी ट्रैफिक जीएच डैरया, एसीपी सी डिवीजन एमएम वासाणी, ट्रैफिक पीआई एसडी राठौड़, सलाबतपुरा प्रभारी विनय शुक्ल आदि ने कपड़ा बाजार में जाकर हालात को जाना और उसके बाद सैलरी आपकी, ऑर्डर हमारा की तर्ज पर निजी स्तर पर यातायात नियंत्रक सुरक्षाकर्मियों की तैनातगी का मामला आगे बढ़ा था।
15 दिन में ही बिगड़ गया था मामला
अक्टूबर 2013 के दौरान करीब 20 जवानों को 15 दिवसीय यातायात नियंत्रण का प्रशिक्षण पुलिस परेड ग्राउंड में दिए जाने के बाद उनकी नियुक्ति कपड़ा बाजार के मोटी बेगमवाड़ी व सालासर द्वार के पास की गई। शुरुआती दिनों में सबकुछ ठीकठाक रहा और मोटी बेगमवाड़ी क्षेत्र की यातायात समस्या काफी हद तक सुलझ भी गई मगर उसके कुछ समय बाद सालासर द्वार के पास ट्रैफिक पुलिस व यातायात नियंत्रक सुरक्षाकर्मी के आपस में उलझने से यह पूरा मामला बिगड़ गया था और कई दिनों की मेहनत यूं ही बेकार चली गई थी। उस घटना के सात साल बाद फिर से कपड़ा बाजार में यातायात नियंत्रक जवानो की निजी स्तर पर तैनातगी का मामला एसजीटीटीए के सहयोग से उठा है।
तैयारियां शुरू की गई
बुधवार को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी और उसमें कपड़ा बाजार में यातायात नियंत्रक जवानों की निजी स्तर पर तैनातगी का जरूरी मामला उठा था। यह प्रयोग सात वर्ष पहले भी किया जा चुका है और एक बार फिर से इसकी तैयारियां शुरू की गई है।
दिनेश कटारिया, कपड़ा व्यापारी, गुडलक मार्केट