प्रवासी राजस्थानी समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा तीज से पहले श्रावण के दौरान सावन सिंजारा उत्सव, तीज सिंजारा उत्सव आदि आयोजित किए गए। सिंजारा उत्सवों के आयोजनों का दौर शहर में जारी है। भाद्रपद कृष्णपक्ष तृतीया के अवसर पर शनिवार को महिलाएं कजरी तीज मनाएंगी। महिलाएं सुबह मंदिर जाएंगी।
अपराह्न गीत-संगीत के कार्यक्रम होंगे। शाम को महिलाएं सोसायटी, अपार्टमेंट आदि में नीम की टहनी, आक के पत्ते और कच्चे दूध के साथ सातुड़ी तीज के मौके पर बनाए गए सातु के साथ पूजा-अर्चना में शामिल होंगी। तीज माता से अखंड सुहाग और संतान की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करेंगी। गौराणियों से तीज की कहानी सुनेंगी।
रात को चंद्रदर्शन के बाद व्रती महिलाएं कच्चे दूध के साथ सातु का प्रसाद ग्रहण कर उपवास खोलेंगी। कई जगह उद्यापन समेत विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। शुक्रवार को घरों में देसी घी से सातु और पारम्परिक व्यंजन तैयार किए जाने से रसोईघर महक उठे। उसके बाद सातु को कलात्मक ढंग से सूखे मेवों से सजा कर तैयार किए गए।