सचिन की फ्रेंड्स ऑफ एनिमल्स टीम के सदस्य निर्मल शर्मा को डुमस बीच से किसी का फोन आया कि दरिया किनारे जेली फिश दिखाई दी है। टीम मौके पर पहुंची और जेली फिश को रेस्क्यू किया। उन्होंने बताया कि जेली फिश अमर जीव है, एक कोशिय जीव की तरह। यदि एक जेली फिश को काटा जाए तो उसके दोनों हिस्सों से दूसरी जेली फिश पैदा हो जाती है। जेली फिश में 95 प्रतिशत पानी होता है। इसके कारण यह मछली पारदर्शी होती है। डुमस के समुद्र तट पर एक हाथ के आकार की जेली फिश पाई गई और उसे वापस पानी में छोड़ दिया गया।
जानें जेली फिश के बारे में जेली फिश एक प्रकार की मछली है। दुनिया में जेली फिश की 1500 से अधिक प्रजातियां हैं। ये मछलियां दिखने में पारदर्शी होती हैं, लेकिन इनमें से कुछ खतरनाक भी है। इसके काटने से व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है। जेली फिश का अस्तित्व मनुष्य से भी पुराना है। जेली फिश डायनासोर के समय से पृथ्वी पर है। इसके अलावा कई बार मांडवी समुद्र तटों पर ब्लू बोटल जेली फिश के रूप में भी दिखाई देती है। फ्रेंड्स ऑफ एनिमल्स के सदस्य जतीन राठौड़ ने बताया कि यह जेली फिश जहरीली नहीं थी। इसके पहले कभी डुमस बीच पर जेली फिश नहीं मिली है। उभराट दरिया क्षेत्र में मृत जेली फिश काफी समय पहले दिखाई दी थी।