रात साढ़े दस बजे सुनीता वराछा मिनी बाजार स्थित मान गढ़ चौक में ड्यूटी पर थी। उस दौरान एक कार में गुजर रहे उनके पुत्र प्रकाश के मित्रों को सुनीता ने कर्फ्यू भंग के आरोप में रोका। कथित तौर पर उन्होंने मास्क भी नहीं पहना था। उनके फोन करने पर प्रकाश भी वहां पहुंच गए।
आरोप है कि प्रकाश ने मंत्री पुत्र का रौब दिखाने की कोशिश की लेकिन सुनीता नहीं मानी।
उसने वहीं से वराछा थाना प्रभारी को फोन लगाया और इस बारे में बताया। इस पर थाना प्रभारी ने सुनीता के बर्ताव को लेकर शिकायतें होने की बात कही। उसे ड्यूटी छोड़ कर घर चले जाने के लिए कहा। विवाद के बीच वह चली गई और उसने नौकरी नहीं करनी होने कारण बता कर इस्तीफा दे दिया।
शुक्रवार रात मौके पर हुई कहा सुनी की कुछ कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इस संबंध में शहर पुलिस आयुक्त ने राजेन्द्र ब्रह्मभट्ट ने महिला लोक रक्षक पर कार्रवाई की बात की। वहीं सुनीता का कहना है कि कोई हमें धमकी दे तो क्या उसे सुन लू? शनिवार को सोशल मीडिया और मीडिया में इस मुद्दे बहस छिड़ने पर पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त ए डिवीजन सी के पटेल को सौंपी है।
क्या है वायरल ऑडियो में वायरल ऑडियो में सुनीता यादव कह रही है मुझे 365 दिन खड़ा रखेगा ये कहने की सत्ता तुम्हें किसने दी। मंत्री का बेटा है तो क्या हुआ। एक काम करो मेरी ट्रांसफर करवा दो मुझे गांधीनगर जाना है। मुझे और माथा पच्ची नहीं करनी। सस्ते में करवा देना। वो कहती हैं कि पुलिस वर्दी में बहुत पावर है। मुझे प्रधान मंत्री मोदी तक को रोक ने ताकत है। मैं डीजी क्या प्रधानमंत्री तक जा सकती हूं।
सोशल मीडिया में ट्रेंड हुआ मुद्दा वायरल ऑडियो का मुद्दा शनिवार को सोशल मीडिया में खूब ट्रेंड हुआ। लोगों सपोर्ट सुनीता के हैश टैग भी चले। वहीं मंत्री पुत्र के प्रति गुस्सा देखने को मिला। सुनीता का इस्तीफा नहीं स्वीकारने के लिए पुलिस आयुक्त से अपील भरे पत्र भी पोस्ट हो रहे हैं। मंत्री पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग भी की जा रही है।
महिला का बर्ताव ठीक नहीं था इस मामले में मंत्री कुमार कनानी के पुत्र प्रकाश का पक्ष जानने के लिए कई बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन जवाब नहीं मिल पाया। वहीं मीडिया को दिए बयान में कनानी ने बताया कि मेरे पुत्र के ससुर कोरोना पॉजिटिव आए थे उनकी हालत गंभीर इस लिए वो मेरी गाड़ी में मित्रों के साथ अस्पताल जा रहा था। कल उनकी मौत हो गई है। महिला लोक रक्षक ने उसकी बात नहीं सुनी और नहीं समझी।
उसे कहा कि एमएलए की गाड़ी लेे कर क्यों निकला? उसने सही बर्ताव नहीं किया वो भी आपात स्थिति में था। दोनों ने एक दूसरे को समझा होता तो ऐसा नहीं होता। अगर कुछ ग़लत था तो कानून के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए थी। जो ऑडियो है वो भी तीन टुकड़ों में है। राजनैतिक विरोधी ही ऐसा करते हैं। हमारी सरकार चाहती है कि महियाए आगे आए नौकरी करे। यदि वो ईमानदारी से ड्यूटी करती है तो मैं यहीं चाहूंगा कि वो नौकरी करे।