शहर के उत्राण क्षेत्र में गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन का गैस आधारित पावर स्टेशन है। यहां वर्ष 1993 में राज्य सरकार ने 85 मीटर ऊंचे और 70 मीटर चौड़े दो कूलिंग टाॅवर का निर्माण किया था। वर्ष 2017 में दोनों टाॅवरों को स्क्रेप घोषित कर डिमोलिशन का निर्णय किया गया था। कंट्रोल ब्लास्टिंग सिस्टम से डिमोलिशन के लिए निजी कंपनी को ठेका दिया गया है। एक सप्ताह से इसकी तैयारी चल रही थी। कंपनी दोनों टाॅवरों में 250 किलो डायनामाइट फिट कर ब्लास्ट करेगी और मंगलवार सुबह 11 बजे महज 20 सेकंड में 30 साल पुराने दोनों कूलिंग टाॅवर ध्वस्त हो जाएंगे।
दूर तक धूल उड़ेगी, लोगों को किया सतर्क उत्राण पावर हाउस प्रशासन की ओर से मंगलवार को कंट्रोल ब्लास्टिंग सिस्टम से कूलिंग टाॅवर का डिमोलिशन करने के निर्णय के बाद आसपास के क्षेत्र के लोगों भी सतर्क किया गया है। टाॅवर के आसपास रिहायशी इलाके हैं। ब्लास्ट की आवाज दूर तक सुनाई देगी और धूल भी उड़ेगी। ऐसे में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। लोगों से डिमोलिशन के समय घर के दरवाजे और खिड़किया बंद रखने को कहा गया है। धूल का प्रभाव काफी देर तक रह सकता है, इसलिए लोगों को मास्क पहनने के लिए भी कहा गया है। ब्लास्ट के समय पूरे क्षेत्र को कॉर्डन किया जाएगा। मौके पर पुलिस के अलावा मनपा अधिकारियों और दमकल विभाग की टीम भी मौजूद रहेगी।
2019 में गांधीनगर में हुआ था दो कूलिंग टाॅवर का डिमोलिशन इससे पहले वर्ष 2019 में गांधीनगर में दो कूलिंग टाॅवरों का कंट्रोल ब्लास्टिंग सिस्टम से डिमोलिशन किया गया था। यहां 118 मीटर ऊंचे दो टाॅवर थे।