चक्रवातों से दरिया गणेश का है पुराना नाता
दिसंबर 2017 में ओखी ने दूसरी जगहों पर तबाही मचाने के बाद सूरत का रुख किया था। चक्रवात से पहले मौसम में हुए बदलाव का असर सूरत पर दिखने लगा था। ओखी सूरत किनारे को छूने से पहले ही भंवर में फंसकर समुद्र में समा गया था। इसके बाद वर्ष 2019 के जून में आया वायु भी सूरत किनारे तक नहीं पहुंच सका और समुद्र में ही निष्क्रिय हो गया था। नवंबर 2019 में आए एक और चक्रवात महा का भी यही हश्र हुआ था। लोगों ने हर बार चक्रवात के समुद्र में ही समा जाने का श्रेय दरिया गणेश को दिया था। लोगों के मुताबिक समुद्र में आया कोई चक्रवात दरिया गणेश को पार नहीं कर पाया है। यही वजह है कि लोग निसर्ग के कारण मौसम में बदलाव को लेकर परेशान जरूर हैं, लेकिन उन्हेें उम्मीद है कि दरिया गणेश निसर्ग को भी सूरत नहीं छूने देंगे।