दरिया गणेश समुद्र किनारे रह रहे सूरतीयों के लिए लोक देवता जैसे हैं। समुद्री तूफानों और दरिया गणेश के बीच एक खास रिश्ता बन गया है। समुद्री चक्रवातों ने जब-जब सूरत का रुख किया, दरिया गणेश ने उन्हें निस्तेज कर सूरतीयों की रक्षा की है। लोगों को भरोसा है कि उनके रहते समुद्री रास्ते से कोई आफत सूरत में घुस नहीं सकती। समुद्र किनारे रह रहे लोगों के लिए दरिया गणेश उस तटरक्षक की तरह हैं जो हर बार उनके ऊपर आ रही मुश्किलों को सूरत का किनारा भी छूने नहीं देते।
समुद्री तूफान और दरिया गणेश के बीच क्या है खास रिश्ता? मंगलवार को यह भरोसा उस वक्त और मजबूत हो गया जब पता चला कि चक्रवात महा सूरत पहुंचने से पहले ही कमजोर पड़ गया है और रुख बदल लिया है। इससे पहले वर्ष 2017 में ओखी चक्रवात भी सूरत किनारे पहुंचने से पहले ही अचानक निष्क्रिय हो गया था। ओखी चक्रवात से तबाही की आशंका को लेकर जब सूरत समेत पूरा गुजरात थर्राया हुआ था, ओखी सूरत के नजदीक पहुंचने से पहले ही अचानक समुद्र में समा गया था।
इसी वर्ष जून माह में जब वायु चक्रवात तेजी से सूरत की ओर बढ़ रहा था। चक्रवात के पहुंचने से पहले ही शहर में तेज हवाएं और बारिश का दौर शुरू हो गया था। दरिया गणेश की सीमा से पहले ही वायु ने रास्ता बदल लिया था। उस समय भी लोगों ने इस संकट से बचाने के लिए दरिया गणेश का आभार माना था। तीसरी बार महा के कमजोर पडऩे के बाद लोगों के इस विश्वास को बल मिला है कि दरिया गणेश के रहते समुद्र के रास्ते सूरत का रुख करने वाली आफतें समुद्र का किनारा भी नहीं छू पाएंगी।