-लक्ष्य प्राप्ति में सबको साधने की जरूरत रत्नाकर के प्रदेश संगठन महामंत्री पद की कमान संभालने के महज डेढ़-पौने माह के अल्पकाल में ही भाजपा की प्रयोगशाला गुजरात में अभी तक का सबसे बड़ा फेरबदल पूरी की पूरी सरकार बदलना रहा और उससे पहले संगठन व सरकार के बीच चल रही नूराकुश्ती का भी अंत हुआ। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि रत्नाकर लगातार प्रदेश के बड़े क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान वे सभी कार्यकर्ताओं को अगले पार्टी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए साधने में लगे हैं। यह लक्ष्य अगले विधानसभा चुनाव में 182 में से 149 से अधिक सीट जीतने का है, जिसे तीन टर्म गुजरात सरकार चला चुके नरेंद्र मोदी भी हासिल नहीं कर पाए थे। 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता माधवसिंह सोलंकी ने खाम थ्योरी (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी व मुसलमान) 149 सीट का जादुई आंकड़ा हासिल किया था।
-उत्तर भारत में भी आजमा सकते हैं भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री रत्नाकर से मंगलवार को सर्किट हाउस में मिलने वाले उत्तर भारतीय कार्यकर्ताओं में कई ऐसे कार्यकर्ता भी शामिल रहे जो कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल व उनकी मौजूदा टीम से राजी नहीं है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी के सूरत महानगरपालिका चुनाव में टिकट वितरण, पार्टी संगठन में जगह नहीं मिलने समेत अन्य कई कारण है। सालभर से सुषुप्त अवस्था में पड़े कार्यकर्ताओं को रत्नाकर से मिलने के बाद मानों संजीवनी मिली है वहीं, पार्टी संगठन उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में उपयोग ले सकता है। इसकी वजह में पिछले कई दिनों से सूरत व गुजरात से कार्यकर्ता पेज कमेटी अभियान के सिलसिले में उत्तरप्रदेश जा रहे हैं लेकिन, अपेक्षित सफलता वहां अभी तक नहीं मिल पाई है और अब इन कार्यकर्ताओं को वहां भेजा जा सकता है।