सूरत

बैंकिंग इतिहास का अब तक  का  सबसे बड़ा घोटाला! सूरत और दहेज की एबीजी शिपयार्ड ने 28 बैंकों को लगाया 22,842 करोड़ का चूना

कंपनी के एमडी समेत 8 के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया, 2012 से 2017 के दौरान गड़बड़ियों का आरोप

सूरतFeb 12, 2022 / 09:52 pm

Sandip Kumar N Pateel

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सूरत। भारत में अब तक के इतिहास में बैंकिंग फ्रॉड का सबसे बड़ा मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। घोटाला 22,842 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुजरात के सूरत और दहेज में स्थित ABG शिपयार्ड कंपनी और और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित आठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कम्पनी के अधिकारियों ने 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। कंपनी जहाज़ निर्माण और जहाज़ की मरम्मत का काम करती है। प्राथमिकी के मुताबिक घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है।
सीबीआई के मुताबिक एसबीआई के डीजीएम ने गुजरात कंपनियों पर 22842 करोड़ के फ्रॉड का आरोप लगाया है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य हैं और उनके नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं. यह दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं और सूरत तथा दहेज में स्थित है। सीबीआई के मुताबिक कंपनी ने नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के समूह को चूना लगाया है। बैंकों के साथ-साथ एलआईसी को भी 136 करोड़ रुपए का चूना लगा है तो एसबीआई को 2468 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और संपत्तियां खरीदी गईं। वहीं, रुपए एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजे गए। बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज की है। बताया जा रहा है की कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी थी। फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें पैसे का दुरुपयोग किया गया।
28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी

एसबीआई की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं।
इन आठ जनों के खिलाफ मामला दर्ज


सीबीआई ने ऋषि अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों – अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है।

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